दक्षिणी जापान के मियाजाकी प्रान्त में गुरुवार को 6.9 तीव्रता का भीषण भूकंप आया। USGS के मुताबिक, गुरुवार को आए भूकंप का केंद्र समुद्र में 30 किलोमीटर की गहराई पर था। इसके कुछ सेकंड बाद, निचिनन शहर से 20 Km उत्तर-पूर्व में 25 Km की गहराई पर 7.1 तीव्रता का एक दूसरा शक्तिशाली झटका लगा। अधिकारियों ने भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी जारी की है।
सुनामी के अलर्ट में क्यूशू के दक्षिणी तट और पास के शिकोकू द्वीप पर 1 मीटर करीब 3.3 फीट तक की लहरें उठने की भविष्यवाणी की गई।
क्यूशू और शिकोकू पर न्यूक्लियर प्लांट्स के ऑपरेटर्सन ने कहा कि वे यह देखने के लिए जांच कर रहे हैं कि क्या उन्हें कोई नुकसान हुआ है।
कहां-कहां सुनामी की चेतावनी जारी?
जापान के NHK पब्लिक टेलीविजन ने कहा कि भूकंप के केंद्र के पास मियाजाकी एयर पोर्ट पर खिड़कियां टूटने की खबरें हैं।
NHK के मुताबिक, मियाजाकी के अलावा कोच्चि, एहिमे, कागोशिमा, ओइता प्रांतों में भी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
जापान की भूकंप (Japan Earthquake) निगरानी एजेंसी NERV के अनुसार, ह्युगा-नाडा सागर में भूकंप की जानकारी मिली थी। अधिकारियों का कहना है कि भूकंप के बाद के प्रभाव में 1 मीटर तक की लहरें उठने की आशंका है। तटीय इलाकों, नदियों या झीलों के पास रहने वालों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
इस बीच, क्यूशू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि सेंदाई न्यूक्लियर पावर प्लांट में कोई समस्या नहीं है, जो कागोशिमा प्रान्त में है।
इसी तरह, शिकोकू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी ने भी कहा है कि एहिमे प्रीफेक्चर में इकाता न्यूक्लियर पावर प्लांट ठीक से चल रहा है। NHK रिपोर्ट में शिकोकू इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के हवाले से कहा गया है कि आसपास के इलाके में रेजिएश लेवल में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
जापान में क्यों आते हैं इतने भूकंप?
जापान प्रशांत "रिंग ऑफ फायर" पर स्थित है, जो प्रशांत महासागर को घेरने वाली लाइन ऑफ सिस्मिक फॉल्ट है। जापान दुनिया के उन देशों में से एक है, जहां सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं।
जापान के उत्तर-मध्य क्षेत्र नोटो में 1 जनवरी को आए भूकंप में 240 से ज्यादा लोग मारे गए थे।