Japan Earthquake: जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.1 मापी गई। झटके आज (2 अप्रैल 2024) को उत्तरी जापान के इवाते (Iwate) और आओमोरी (Aomori) प्रान्त में महसूस किए गए। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र इवाते प्रान्त का उत्तरी तटीय हिस्सा था। भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग सहम गए। बहुत से लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। अभी तक इस भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है। मौसम विभाग ने सुनामी को लेकर भी कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। ऐसे में यह लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत है।
इससे पहले जनवरी में जापान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान कई इमारतें गिर गईं थीं। इसके बाद उसके तट 800 फीट से ज्यादा खिसक गए हैं। कई द्वीप समंदर में थोड़ा ऊपर उठ गए हैं।
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। फिर सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
जापान में आखिर भूकंप के झटके ज्यादा क्यों आते हैं?
जापान में भूकंप, सूनामी और ज्वालामुखी विस्फोट की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि दुनिया भर में, रिक्टर स्केल पर 6 या इससे ज्यादा की तीव्रता वाले भूकंप में से 20% सिर्फ इसी देश में आते हैं। यहां हर साल करीब 2000 बार भूकंप के झटके लगते हैं। इतना ही नहीं जापान इकलौता ऐसा देश है, जहां हर साल एक या इससे अधिक सुनामी देखने को मिलती है।