Layoff News: छंटनी का कोहराम थमता नहीं दिख रहा है। अपने क्लाइंट्स के लिए छंटनी की योजना तैयार करने वाली वैश्विक मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मैकिंजी (McKinsey) ने अब अपने यहां ही छंटनी का फैसला किया है। मैकिंजी में बड़े पैमाने पर एंप्लॉयीज को निकालने की तैयारी हो रही है। कंपनी से करीब 2 हजार एंप्लॉयीज की छंटनी की जाएगी। हालांकि कितने एंप्लॉयीज की छंटनी होगी, इस पर आखिरी फैसला होना बाकी है। इसका असर उन पर पड़ने के आसार हैं जिनका क्लाइंट्स से सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं होता है यानी कि सपोर्ट स्टॉफ पर छंटनी के इस फैसले की मार पड़ सकती है।
क्यों बना रही है कंपनी छंटनी की योजना
मैकिंजी को वित्त वर्ष 2021 में 1500 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू हासिल हुआ था और सूत्रों के मुताबिक अगले साल 2022 में कंपनी का रेवेन्यू बढ़ गया। हालांकि कंपनी के मैनेजमेंट का मानना है कि प्रोजेक्ट मंगोलिया के तहत छंटनी से उसे अपने पार्टनर के लिए मुआवजे का फंड बनाए रखने में मदद मिलेगी। छंटनी की इस योजना पर अंतिम फैसला आने वाले हफ्तों में लिया जा सकता है। पिछले कुछ समय से कंपनी में बड़े पैमाने पर हायरिंग हुई है। इसके एंप्लॉयीज की संख्या वर्ष 2012 में 17 हजार से बढ़कर अब 45 हजार पर पहुंच चुकी है। पांच साल पहले यह महज 28 हजार थी।
कंपनी के रीस्ट्रक्चरिंग के तहत होगी छंटनी
मैकिंजी अपने पूरे ढांचे को फिर से तैयार कर रही है और इसके तहत सपोर्ट टीम के कुछ पदों को सेंट्रलाइज किया जाएगा। कंपनी के मुताबिक जिस तरह से यह अपने क्लाइंट्स के लिए टीम डिजाइन करती है, वैसे ही कंपनी को भी डिजाइन किया जाएगा। दस साल से भी अधिक समय में पहली बार कंपनी ऐसा कदम उठा रही है। हालांकि क्लाइंट से सीधे डील करने वाले प्रोफेशनल्स की हायरिंग अब भी जारी है।