कोरोना के बाद इन तीन खतरनाक बीमारियों से बढ़ गई पूरी दुनिया की टेंशन, WHO ने जारी की चेतावनी

दुनिया अभी कोरोना वायरस महामारी से मुक्त भी नहीं हो पाई कि कि तीन बीमारियों मंकीपॉक्स (Monkey Pox), टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) और हेपेटाइटिस (Hepatitis) ने दस्तक दे दी है। इन बीमारियों को कोरोना वायरस के जैसे ही खतरनाक बताया जा रहा है

अपडेटेड May 27, 2022 पर 8:31 AM
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कोरोना के बाद तीन बीमारियों से बढ़ी WHO की चिंता (फाइल तस्वीर)

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कोहराम से पूरी दुनिया में तबाही मची हुई है। चीन से निकले इस वायरस ने देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपने आगोश में समेट लिया और लाखों जिंदगियों को अपना शिकार बना लिया। हालांकि वैक्सीन आने के बाद कोरोना के रफ्तार में सुस्ती आई, लेकिन यह एक ऐसी महामारी है जो अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच तीन और खतरनाक बीमारियों ने कई देशों में दस्तक दे दी है। जिससे पूरी दुनिया की टेंशन एक बार फिर से बढ़ गई है।

ये तीन नई बीमारियां 'मंकीपॉक्स'(Monkeypox), 'हेपेटाइटिस' (Hepatitis) और 'टोमैटो फ्लू' (Tomato Flue) हैं। जो दुनिया के कई देशों में पहुंच चुकी हैं। जिससे पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। इन तीनों बीमारियों को कोरोना वायरस की तरह खतरनाक बताया जा रहा है। आइये जानते हैं, इन खतरनाक बीमारियों के बारे में.....

क्‍या है टोमैटो फ्लू


टोमैटो फ्लू को टोमैटो फीवर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल बुखार है। यह 5 साल से कम उम्र के बच्चों को शिकार बना रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चे जब इससे संक्रमित हो जाते हैं, तो उनके शरीर पर टमाटर जैसे लाल रंग के दाने उभर आते हैं। इसलिए इस बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू रखा गया है। इन दानों में खुजली होती है, जिसे खुजलाने से इनमें जलन होती है। संक्रमित बच्चे को तेज बुखार भी आता है। इसके अलावा संक्रमित बच्चे के शरीर और जोड़ो में दर्द की शिकायत भी रहती है। ये वायरस अपने इंफेक्शन से बच्चों की पाचन शक्ति को खराब कर देता है। जिसकी वजह से बच्चे डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाते हैं।

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केरल में टोमैटो फ्लू ने पांव पसारे

केरल के कोल्‍लम में पांच साल से कम उम्र के बच्‍चे 'टोमैटो फ्लू' से संक्रमित हो रहे हैं। कोल्‍लम में इस फ्लू के 80 से भी ज्‍यादा मामले सामने आ चुके हैं। सरकारी अस्पताल में इनका इलाज चल रहा है। कहा जा रहा है कि प्राइवेट अस्पतालों में इनकी संख्या और ज्यादा हो सकती है।

मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के क्षेत्रों में होता है। कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ जूनोसिस (Zoonosis) बीमारी है। इसका मतलब ये है कि यह एक ऐसी बीमारी है जो जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। मंकीपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है, जिसमें चेचक और चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं।

हेपेटाइटिस

पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर के बच्चों में अनएक्सप्लेंड एक्यूट हेपेटाइटिस के मामले दिखाई दे रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) और यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी सहित तमाम प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है। दुनिया भर के देशों में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। बच्चों को एक्यूट हेपेटाइटिस तभी होता है जब उनके लिवर में सूजन होती है, सूजन की वजह से खून में लिवर एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है।

जानिए क्या हैं इसके सामान्य लक्षण?

पेट में दर्द, दस्त और उल्टी के बाद पीलिया, त्वचा पर या आंखों का सफेद भाग पीला हो जाना, इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं। हेपेटाइटिस के दूसरे लक्षणों में थकान, भूख न लगना, गहरे रंग का पेशाब, हल्के रंग का मल और जोड़ों का दर्द शामिल हैं। लैब टेस्ट ने साफ तौर से हाई लीवर एंजाइम रीडिंग के साथ गंभीर लीवर की सूजन के लक्षण दिखाए हैं।

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First Published: May 27, 2022 8:31 AM

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