पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने सड़कों पर हल्ला बोल रखा है। इस बीच सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI चाहती है कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) उसकी सेना और पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान के बीच हालात सुधारने के लिए हस्तक्षेप करे। यूएई ने पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख के खिलाफ जन भावनाओं के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। PTI के कार्यक्रता और समर्थक देश के अलग-अलग हिस्सों से राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गए हैं। सुरक्षा कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा भी हो रही है।
CNN-News18 से बात करते हुए इमरान खान के करीबी सहयोगी डॉ. सलमान अहमद ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने उनके और खान के बीच मध्यस्थता के लिए UAE से संपर्क किया है। सूत्रों ने कहा कि इस मुद्दे पर ISI का एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त अरब अमीरात भी गया था।
सूत्रों ने कहा कि शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि UAE पाकिस्तान सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ सहयोग करने के लिए तैयार नहीं था। पाकिस्तान और सेना के भीतर उनके खिलाफ अलोकप्रिय भावना के कारण सऊदी अरब साम्राज्य ने पहले ही असीम मुनीर से दूरी बना ली थी।
सूत्रों ने कहा कि UAE और KSA दोनों को लगता है कि PDM और सैन्य शासन ने पाकिस्तान को हर मोर्चे पर विफल कर दिया है।
सूत्रों ने बताया कि इमरान खान ने बनिगाला में शिफ्ट होने से इनकार कर दिया है। सूत्रों ने कहा, "इमरान खान की जान को खतरा है और पाकिस्तानी सेना उन्हें मारना चाहती है।"
इस बीच, सोमवार को इस्लामाबाद के बाहर सुरक्षा बलों के साथ इमरान खान समर्थकों की झड़प में कम से कम एक अधिकारी की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। खान ने अपनी गिरफ्तारी के विरोध में संसद पर मार्च और उसके बाद धरने की अपील की थी।
पाकिस्तानी सेना के साथ विवाद के बाद सत्ता से बाहर होने के बाद खान अगस्त 2022 से जेल में हैं।