पाकिस्तान के ओलिंपिक गोल्ड मेडल विजेता अरशद नदीम का वीडियो वारयल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर ये दावा किया जा रहा है कि जेवलीन थ्रो के खिलाड़ी नदीम जिस शख्स के साथ बैठे हैं, वो कोई और नहीं बल्कि एक घोषित आतंकवादी है। उस शख्स को अमेरिका ने आतंकी घोषित किया हुआ है। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छिड़ गई है। इस वीडियो में, नदीम को मोहम्मद हैरिस धर के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है।
CNN-News18 ने इंडियन डिफेंस ग्रिड के सूत्रों के हवाले से कहा, धर प्रतिबंधित आतंकवादी गुट लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के राजनीतिक मोर्चे, मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) का संयुक्त सचिव है।
सोशल मीडिया के कई यूजर्स ने दावा किया है कि नदीम के पाकिस्तान लौटने के बाद दोनों के बीच ये मुलाकात हुई, तो वहीं सुरक्षा ग्रिड सूत्रों ने अभी तक बैठक के समय की पुष्टि नहीं की है।
उनके मुताबिक, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि कैमरे में कैद हुई बातचीत अरशद के पेरिस ओलिंपिक में गोल्ड जीतने के बाद की है या उससे पहले की है।
क्या है MML और किसने बनाया?
MML हाफिज सईद की तरफ से बनाया गया एक संगठन है। हाफिज को 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
2018 में, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने सात "स्पेशली डेजिगनेटेड ग्लोबल टेररिस्ट" के नाम दिए, जिसमें MML अध्यक्ष सैफुल्ला खालिद, मुजम्मिल इकबाल साशिमी, हैरिस धर, ताबिश कय्यूम, फैयाज अहमद, फैसल नदीम और मुहम्मद एहसान का नाम था। उन पर लश्कर-ए-तैयबा की ओर से काम करने का शक था।
MML का गठन 2017 में सईद ने किया था। उन्होंने कहा था कि MML 2018 का चुनाव लड़ेगी, लेकिन अमेरिक के प्रतिबंधों के बाद इसे कभी भी राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं दी गई।
वहीं अरशद नदीम (Arshad Nadeem) ने 8 अगस्त को ट्रैक-एंड-फील्ड में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले पाकिस्तानी एथलीट बनकर इतिहास रच दिया। 27 साल के नदीम ने पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता में अपने दूसरे थ्रो में जेवलीन को 92.97 मीटर तक फेंका।
फाइनल में, नदीम ने दो बार 90 मीटर का आंकड़ा पार किया और यह उपलब्धि हासिल करने वाले ओलिंपिक इतिहास के पहले एथलीट बन गए। उस इवेट में भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता था।
ओलिंपिक में मेडल के लिए पाकिस्तान के 32 साल के लंबे इंतजार को खत्म करने के बाद, नदीम रविवार 11 अगस्त की सुबह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चुन्नू में अपने गांव लौटे, जहां उनका हीरो की तरह स्वागत किया गया।