इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के DG लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बुधवार को कहा कि जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला और अपहरण के एक दिन बाद बलूचिस्तान में शुरू किया गया निकासी ऑपरेशन पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि वहां मौजूद सभी आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने Dunya News के शो 'ऑन द फ्रंट' में न्यूज एंकर कामरान शाहिद से बात करते हुए कहा, "11 मार्च को बोलन में आतंकवादियों ने दोपहर 1 बजे के आसपास रेल की पटरी को निशाना बनाया और उसे विस्फोट से उड़ा दिया और जाफ़र एक्सप्रेस को रोक दिया। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन में 440 यात्री सवार थे।"
ऑपरेशन का ब्यौरा देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा कि जिस इलाके में यह घटना घटी, वहां पहुंचना काफी मुश्किल था, क्योंकि यह आम इलाके और सड़क नेटवर्क से बहुत दूर था। न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट में पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि 30 हथियारबंद बलूच आतंकवादी और 28 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 346 बंधकों को बचा लिया गया।
उन्होंने कहा, "आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित बंधकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल किया। बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया।" चौधरी ने कहा कि सेना, वायुसेना, फ्रंटियर कोर और SSG के जवानों ने भाग लिया और बंधकों को मुक्त कराया।
उन्होंने कहा, "ये आतंकवादी ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट फोन के जरिए अफगानिस्तान में अपने समर्थकों और मास्टरमाइंड से संपर्क में थे। आपने देखा कि कल शाम को आतंकवादियों से लगभग 100 यात्रियों को सुरक्षित बचाया गया और आज भी बड़ी संख्या में यात्रियों को छुड़ाया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि यह प्रक्रिया रुक-रुक कर जारी रही।
आज "फाइनल रेस्क्यु ऑपरेशन" की डिटेल पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा. "सभी बंधक यात्रियों को बचा लिया गया है। यह अभियान बहुत ही कुशलता और सावधानी से चलाया गया, क्योंकि आतंकवादी उन्हें मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सभी आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ऑपरेशन के अंत की पुष्टि कर रहे हैं, DG ISPR ने कहा: "हां, वहां मौजूद सभी आतंकवादियों को नरक भेज दिया गया है और उनकी कुल संख्या 33 थी।"