Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार (13 मार्च) को कहा कि उनका देश रूस-यूक्रेन युद्ध में 30-दिवसीय युद्ध विराम के 'पक्ष में' है, लेकिन शर्तों पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को रूस के साथ युद्ध विराम पर चर्चा करनी चाहिए। पुतिन ने कहा कि वह चाहते हैं कि अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप इसमें भूमिका निभाएं। पुतिन ने कहा, "यह विचार अपने आप में सही है। हम निश्चित रूप से इसका समर्थन करते हैं। लेकिन ऐसे कुछ सवाल हैं जिन पर हमें चर्चा करने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों और भागीदारों के साथ इस पर बात करने की आवश्यकता है।"
उन्होंने कहा कि यूक्रेन के किसी भी युद्ध विराम से संघर्ष का दीर्घकालिक समाधान निकलना चाहिए। इसके मूल कारणों का समाधान होना चाहिए। पुतिन ने मॉस्को में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम शत्रुता समाप्त करने के प्रस्तावों से सहमत हैं। लेकिन इस आधार पर कि यह समाप्ति दीर्घकालिक शांति की ओर ले जाएगी और संकट के मूल कारणों को संबोधित करेगी।" उन्होंने 30-दिवसीय युद्धविराम के लिए अमेरिकी-यूक्रेनी प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
रूसी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उनके पास 'गंभीर सवाल' हैं, जिन पर उन्हें अमेरिका के साथ चर्चा करने की आवश्यकता है। संभवतः सीधे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ...। पुतिन ने कहा कि वह 30-दिवसीय युद्धविराम के प्रस्ताव के "पक्ष में" हैं, लेकिन इसमें कुछ बारीकियां हैं। उनके पास इस बारे में "गंभीर सवाल हैं कि यह कैसे काम करेगा। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों से बात करने की आवश्यकता है... शायद राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बात करें और उनके साथ इस पर चर्चा करें।"
रूस ने अमेरिका के यूक्रेन को सैन्य मदद और खुफिया जानकारी साझा करने पर लगाई गई रोक हटाने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर ‘'बहुत जल्द" बातचीत हो सकती है।
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) के हवाले से दी गई खबर में कहा कि रूस इस संभावना से इनकार नहीं करता है कि अमेरिका-यूक्रेन वार्ता के बाद पुतिन और ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत की जरूरत महसूस हो सकती है और दोनों नेताओं के बीच इसकी व्यवस्था बहुत जल्द की जा सकती है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा, "हम इस बात से भी इनकार नहीं करते कि उच्चतम स्तर पर बातचीत की मांग उठ सकती है। अगर ऐसी जरूरत पड़ती है, तो इसकी व्यवस्था बहुत जल्दी कर ली जाएगी। अमेरिकियों के साथ बातचीत के मौजूदा चैनल अपेक्षाकृत कम समय में ऐसा करना संभव बनाते हैं।"