Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकी हमलों का गुनहगार तहव्वुर राणा को एक और झटका लगा है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है। 64 वर्षीय राणा वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। उसने अमेरिका के शीर्ष अदालत के एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस के समक्ष रोक लगाने की आपात अर्जी दायर की थी।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर छह मार्च 2025 को जारी एक नोट में कहा गया है कि अर्जी जज (एलेना) कगन द्वारा अस्वीकार की गई। यह अर्जी अमेरिका की शीर्ष अदालत की एसोसिएट जस्टिस एलेना कगन के समक्ष पेश की गई थी। आतंकी ने भारत में यातना का हवाला देते हुए अपने प्रत्यर्पण को तत्काल रोकने की अपील की थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमलों का साजिशकर्ता तहव्वुर राना को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। राणा ने अपनी याचिका में कहा, "अगर रोक नहीं लगाई जाती है, तो कोई समीक्षा नहीं होगी। अमेरिकी अदालतें अपना अधिकार क्षेत्र खो देंगी और याचिकाकर्ता जल्द ही मर जाएगा।" साथ ही आतंकी ने अपने धर्म, पाकिस्तानी मूल और मानवाधिकार रिपोर्ट का हवाला देते हुए अपने प्रत्यर्पण को रोकने की मांग की थी।
राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके प्रत्यर्पण पर इमरजेंसी रोक लगाया जाए। अपनी याचिका में राणा ने कहा है कि भारत में उसे प्रताड़ित किए जाने की बहुत आशंका है, क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है। अपनी याचिका में राणा ने कहा कि पाकिस्तान मूल का मुस्लिम होने की वजह से उसे भारत में बहुत अधिक प्रताड़ित किया जाएगा। राणा ने आगे कहा कि वह कई तरह की बीमारियों से जूझ रहा है।
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सपोर्ट करने के लिए अमेरिका में दोषी ठहराया गया था। वह मुंबई हमलों में कथित भूमिका के लिए भारत में वांछित है, जिसमें 175 लोग मारे गए थे। भारत की ओर से उसके प्रत्यर्पण की मांग लंबे समय से लंबित है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक और वर्तमान में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद राणा पर 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली से जुड़े होने का आरोप है।
26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। आतंकियों ने दो पांच सितार होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया। इस आतंकी हमले में 9 आतंकियों समेत 175 लोगों की मौत हुई थी। हमले में शामिल एक आतंकी अजमल कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया जिसे 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी दे दी गई।