भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सितंबर तक 2000 रुपये के नोटों के चलन में भारी गिरावट की जानकारी दी है, जिसकी कुल राशि घटकर करीब 5,884 करोड़ रुपये रह गई है। यह गिरावट मई 2023 में नोट वापसी की घोषणा के बाद हुई थी, जब लगभग 3.56 लाख करोड़ रुपये के नोट थे। हालांकि, 2000 के नोट अभी भी लिगल टेंडर हैं, जिससे इनके उपयोग से कर्ज का भुगतान और अन्य वित्तीय लेन-देन किए जा सकते हैं, परंतु रोजमर्रा के लेन-देन में इनका इस्तेमाल कम हुआ है।
2000 रुपये के नोट नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए जारी किए गए थे, लेकिन आरबीआई ने 2018-19 में इन नोटों की छपाई बंद कर दी थी। इनके अधिकांश नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और अब उनकी आयु सीमा पूरी हो रही है। सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 तक सामान्य बैंक शाखाओं में इन नोटों को जमा या बदला जा सकता था, इसके बाद यह सुविधा केवल RBI के 19 निगम कार्यालयों और डाक सेवा के माध्यम से उपलब्ध है।
लोग अब भी इन नोटों को अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं या RBI कार्यालयों में जाकर इन्हें अन्य मूल्य के नोटों में बदलवा सकते हैं। हालांकि व्यावहारिक तौर पर 2000 रुपये के नोट को कई दुकानदार और व्यापारी स्वीकार करने में हिचकिचाते हैं, जिससे इसका उपयोग धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जिन लोगों के पास अभी भी 2000 के नोट हैं, वे इन्हें जल्द बदला लें ताकि भविष्य में संभावित कठिनाइयों से बचा जा सके।