8वें वेतन आयोग का गठन कब हो? सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी? फिटमेंट फैक्टर 2.57 होगा या 1.92? जानिए वेतन और पेंशन में कितना बदलाव आ सकता है और इसका असर क्या होगा।
Goldman Sachs ने एक नोट में कहा कि 8वां वेतन आयोग अप्रैल 2025 में गठित हो सकता है।
8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी थी। तभी से सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं। अब इस पर एक बड़ी रिपोर्ट आई है। प्रतिष्ठित इन्वेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 8वें वेतन आयोग का गठन कब तक हो सकता है और इसमें कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा हो सकता है।
कब तक गठित हो सकता है वेतन आयोग?
Goldman Sachs ने एक नोट में कहा कि 8वां वेतन आयोग अप्रैल 2025 में गठित हो सकता है। इसकी सिफारिशें 2026 या 2027 तक लागू होने की संभावना है। कई रिपोर्ट में भी संभावना जताई गई है कि 8वें वेतन आयोग का गठन अप्रैल 2025 में हो सकता है।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?
Goldman Sachs ने केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन में बढ़ोतरी के तीन संभावित सेनेरियो दिए हैं। इनका आधार है कि सरकार वेतन और पेंशन बढ़ाने के लिए कितनी रकम का आवंटन कर सकती है।
₹1.75 लाख करोड़ का आवंटन: अगर सरकार 8वें वेतन आयोग को लागू करने के लिए ₹1.75 लाख करोड़ का बजट रखती है और इसका 50-50% वेतन और पेंशन बढ़ोतरी के लिए इस्तेमाल करती है, तो औसत सैलरी में ₹14,600 प्रति माह की वृद्धि हो सकती है।
₹2 लाख करोड़ का आवंटन: अगर ₹2 लाख करोड़ आवंटित होते हैं, तो औसत वेतन वृद्धि ₹16,700 प्रति माह होगी।
₹2.25 लाख करोड़ का आवंटन: यदि केंद्र सरकार ₹2.25 लाख करोड़ आवंटित करती है, तो कर्मचारियों को ₹18,800 प्रति माह की सैलरी बढ़ोतरी मिल सकती है।
50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को होगा फायदा
Goldman Sachs के अनुसार, फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत सैलरी ₹1 लाख प्रति माह (टैक्स से पहले) है। इस वेतन वृद्धि से 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा। 7वें वेतन आयोग के तहत केंद्र सरकार ने वेतन और पेंशन वृद्धि के लिए ₹1.02 लाख करोड़ खर्च किए थे।
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के हिसाब से केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत मासिक सैलरी में 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद ₹14,000-₹19,000 की बढ़ोतरी हो सकती है। यह उनकी मौजूदा औसत मासिक सैलरी ₹1 लाख (टैक्स से पहले) का 14-19% होगा।
8वें वेतन आयोग पर अब तक क्या-क्या हुआ?
8वें वेतन आयोग को पर केंद्रीय कैबिनेट 16 जनवरी 2025 को मुहर लगा चुका है। हालांकि, आयोग के सदस्यों, अध्यक्ष और कार्य-क्षेत्र (Terms of Reference - ToR) को अभी तय नहीं किया गया है। एक बार तय होने के बाद आयोग सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श करेगा। फिर वह फिटमेंट फैक्टर और वेतन-पेंशन बढ़ोतरी के अन्य पहलुओं को अंतिम रूप देगा।
फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल काउंसिल-जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने 2.57 या उससे अधिक के फिटमेंट फैक्टर की मांग की है, जो 7वें वेतन आयोग के बराबर है। NC-JCM केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए एक मंच है।
पहले 2.86 फिटमेंट फैक्टर की भी मांग की गई थी। हालांकि, भारत के पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में इसे 'चांद मांगने जैसा' यानी नामुमकिन बताया था। उनके अनुसार, 'फिटमेंट फैक्टर लगभग 1.92 के आसपास हो सकता है।'
फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से न्यूनतम वेतन और पेंशन में वृद्धि
अगर 2.57 का फिटमेंट पैक्टर लागू होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 157% हाइक का फायदा मिलेगा।
न्यूनतम वेतन: ₹18,000 से बढ़कर ₹46,260 हो जाएगा।
न्यूनतम पेंशन: ₹9,000 से बढ़कर ₹23,130 (157% वृद्धि)हो जाएगी।
1.92 फिटमेंट फैक्टर लागू होने पर
अगर 1.92 का फिटमेंट पैक्टर लागू होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 92% हाइक का लाभ मिलेगा।
न्यूनतम वेतन: ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो जाएगा।
न्यूनतम पेंशन: ₹9,000 से बढ़कर 17,280 हो जाएगी।
सरकारी खर्च और अर्थव्यवस्था पर असर
8वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी खर्च में भारी बढ़ोतरी हो सकती है और इसका भार भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। इसके प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसी भी अंतिम निर्णय से पहले व्यापक समीक्षा करेगी।