गर्मी का मौसम अपने चरम पर है और दिन में तापमान 40 डिग्री तक पहुंच रहा है। ऐसे में एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल दिन-रात लगातार हो रहा है, जिससे हर घर का बिजली बिल कई गुना बढ़ जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय सरकार ने आम लोगों से एक छोटा-सा बदलाव करने की अपील की है, जिससे न केवल बिजली की खपत कम होगी बल्कि जेब पर बिजली के बिल का असर कम होगा।
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के मुताबिक, अगर आप अपने AC का तापमान सिर्फ 1°C बढ़ा देते हैं, तो आप लगभग 6% तक बिजली की सेविंग कर सकते हैं। इस उपाय को सरकार एक कम खर्चीला और एनवायरमेंट फ्रेंडली समाधान मानती है।
AC का तापमान बढ़ाने से कैसे होगा फायदा?
BEE का कहना है कि आमतौर पर लोग अपने AC को 20–21°C पर सेट करते हैं, जबकि आरामदायक तापमान सीमा 24–25°C मानी जाती है। यदि कोई व्यक्ति 20°C की बजाय 24°C पर AC चलाता है, तो बिजली की खपत में 24% तक की कमी हो सकती है। इससे घरों का मासिक बिजली बिल काफी हद तक कम किया जा सकता है।
BEE का अनुमान है कि अगर भारत में केवल 50% AC यूजर भी इस सलाह का पालन करते हैं, तो हर साल देश में 10 अरब यूनिट बिजली बचाई जा सकती है। इसका मतलब है कि 5,000 करोड़ रुपये की सालाना सेविंग और 8.2 मिलियन टन CO₂ उत्सर्जन में कमी होगी, जो पर्यावरण के लिए भी एक बड़ी राहत होगी।
तकनीकी रूप से देखा जाए तो जब आप AC को थोड़ा ऊंचे तापमान (जैसे 26°C) पर सेट करते हैं, तो वो तापमान जल्दी प्राप्त हो जाता है और AC का कंप्रेसर बंद हो जाता है। इससे बिजली की खपत कम होती है। उदाहरण के लिए अगर आप AC को 8 घंटे चलाते हैं और 26°C पर सेट करते हैं, तो AC का कंप्रेसर केवल 5 घंटे या उससे भी कम समय तक चलेगा—बशर्ते कमरे के दरवाजे-खिड़कियां बंद हों।
फैक्ट्री सेटिंग भी बदल सकते हैं
BEE ने यह भी बताया कि AC की फैक्ट्री डिफॉल्ट सेटिंग को यूज़र खुद भी बदल सकते हैं। लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि यह छोटा-सा कदम देश की पावर सेविंग और डेवलपमेंट टारगेट को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सके। यदि हर घर AC का तापमान थोड़ा बढ़ा दे तो यह कदम बिजली बिल को हल्का कर सकता है।