क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लोग अलग-अलग तरह से करते हैं। कुछ यूजर्स अपनी ज्यादातर शॉपिंग क्रेडिट्स कार्ड्स से करते हैं और उस पर मिलने वाले कैश बैंक या लॉयल्टी प्वाइंट्स का पूरा फायदा उठाते हैं। कुछ सिर्फ बहुत जरूरी होने पर ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में सावधानी नहीं बरती गई तो यूजर के कर्ज के जाल में फंसने का खतरा होता है। दरअसल क्रेडिट कार्ड यूजर की गुड्स और सर्विसेज खरीदने की क्षमता बढ़ा देता है।
हर महीने मैक्सिमम यूज की अपनी लिमिट तय करें
अगर आप नहीं चाहते कि Credit Card का इस्तेमाल आपके कर्ज के जाल में फंसने की वजह बन जाए तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। पहला, आपको पता होना चाहिए कि हर महीने आप क्रेडिट कार्ड का कितना बिल पूरी तरह से चुका सकते हैं। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। मान लीजिए एक महीने में मैक्सिमम 10,000 रुपये तक क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट कर सकते हैं। फिर आपको क्रेडिट का इस्तेमाल इस लिमिट तक पहुंचते ही रोक देना होगा।
क्रेडिट कार्ड के पूरे बिल का करें पेमेंट
अगर आपने 10,000 रुपये से ज्यादा पेमेंट के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया तो आपको बिल का पूरा पेमेंट में दिक्कत आ सकती है। बैंक या क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां क्रेडिट कार्ड के बैलेंस पर काफी ज्यादा इंटरेस्ट चार्ज करती हैं। यह सालाना 36 फीसदी तक होता है। क्रेडिट कार्ड के बैलेंस पर इतना ज्यादा इंटरेस्ट चुकाना आपके फाइनेंशियल हेल्थ के लिए ठीक नहीं है। यह पैसा आप दूसरे जरूरी काम या इनवेस्टमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
को-ब्रांडेड कार्ड का कर सकते हैं इस्तेमाल
आजकल को-ब्रांडेड कार्ड्स काफी आ गए हैं। उदाहरण के लिए बैंक किसी एयरलाइंस के साथ मिलकर को-ब्रांडेड कार्ड ऑफर करते हैं। इसी तरह कई बैंक ऑयल कंपनियों जैसे बीपीसीएल या एचपीसीएल के साथ मिलकर को-ब्रांडेड कार्ड्स ऑफर करते हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से ऐसा कार्ड बनवा सकते हैं। जैसे अगर आप हर महीने कार में पेट्रोल पर बड़ा अमाउंट खर्च करते हैं तो आप ऑयल कंपनी वाला कोई को-ब्रांडेड कार्ड बनवा सकता है। इससे आप हर महीने काफी सेविंग्स कर सकते हैं।
सही इस्तेमाल करने पर क्रेडिट स्कोर पर पॉजिटिव असर
अगर आप कार्ड का सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं। समय पर बिल चुकाते हैं। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30 फीसदी तक रखते हैं तो इसका आपके क्रेडिट स्कोर पर पॉजिटिव असर पड़ता है। इसके आपकी अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री तैयार होती है। होम लोन या कार लोन लेते वक्त आपका क्रेडिट स्कोर काफी काम आता है। बैंक ज्यादा क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को कम इंटरेस्ट पर होम लोन या कार लोन ऑफर करते हैं। होम लोन के मामले में इंटरेस्ट रेट में थोड़ी भी रियायत लंबी अवधि में बड़ा फर्क पैदा करती है।