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Airtel, Jio, Voda और BSNL के सिम यूजर्स हो जाएं सावधान! 1 दिसंबर से नहीं आएगा OTP, सरकार बदलेगी नियम

New Rule 1 December 2024: 1 दिसंबर से एयरटेल, जियो, वोडाफोन और BSNL सिमा कार्ड यूजर्स के लिए परेशानियां बढ़ सकती है। हो सकता है कि यूजर्स को पहली तारीख से OTP मिलना बंद हो जाए। दरअसल TRAI ने OTP से भी बढ़ते ऑनलाइन स्कैम्स के कारण नए नियम बनाए हैं

अपडेटेड Nov 25, 2024 पर 3:06 PM
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New Rule 1 December 2024: 1 दिसंबर से एयरटेल, जियो, वोडाफोन और BSNL सिमा कार्ड यूजर्स के लिए परेशानियां बढ़ सकती है।

New Rule 1 December 2024: 1 दिसंबर से एयरटेल, जियो, वोडाफोन और BSNL सिमा कार्ड यूजर्स के लिए परेशानियां बढ़ सकती है। हो सकता है कि यूजर्स को पहली तारीख से OTP मिलना बंद हो जाए। दरअसल TRAI ने OTP से भी बढ़ते ऑनलाइन स्कैम्स के कारण नए नियम बनाए हैं। अब ये नियम 1 दिसंबर से लागू हो सकते हैं। हालांकि, नए नियमों से यूजर्स साइबर धोखाधड़ी से बचने में मदद करेंगे लेकिन इससे सही OTP मैसेज भी फिल्टर हो जाएंगे। इंटरनेट और स्मार्टफोन्स ने जहां जीवन को आसान बनाया है, वहीं इनके साथ साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन स्कैम्स का खतरा भी बढ़ा है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में लोगों को इन खतरों से बचाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं।

OTP और मैसेज ट्रेसबिलिटी के नए नियम

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को कमर्शियल मैसेज और OTP (वन-टाइम पासवर्ड) की ट्रेसबिलिटी लागू करने का निर्देश दिया है। इस फैसले की घोषणा अगस्त में की गई थी। पहले कंपनियों को यह नियम 31 अक्टूबर तक लागू करना था, लेकिन जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया (VI) और बीएसएनएल जैसी बड़ी कंपनियों की मांग पर इसे 31 नवंबर तक बढ़ा दिया गया।


क्या 1 दिसंबर से लागू होंगे नियम?

1 दिसंबर से इन नए नियमों के लागू होने पर OTP मैसेज में थोड़ी देरी हो सकती है। बैंकिंग और टिकट बुकिंग जैसी सर्विस में यूजर्स को OTP के लिए अधिक इंतजार करना पड़ सकता है। यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि स्कैमर्स फर्जी OTP मैसेज का इस्तेमाल कर लोगों के डिवाइस तक पहुंच बना लेते हैं, जिससे फाइनेंशियल नुकसान होता है।

5G इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नए नियम

1 जनवरी 2025 से एक नया नियम लागू होगा, जिसका उद्देश्य देश में 5G नेटवर्क को तेजी से विकसित करना है। सरकार ने टेलीकॉम अधिनियम के तहत एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसे राइट ऑफ वे (RoW) कहा जा रहा है। यह नियम सभी राज्यों में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मानकीकृत चार्ज तये करेगा। अभी अलग-अलग राज्यों में इस पर अलग-अलग चार्ज लगते हैं, जिससे कंपनियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में दिक्कतें होती हैं। RoW नियमों से यह प्रोसेस आसान होगा। साथ ही पूरे देश में में टेलीकॉम नेटवर्क विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।

ग्राहकों को होंगे ये फायदे और नुकसान?

TRAI के इन कदमों का उद्देश्य ग्राहको को सुरक्षित बनाना और डिजिटल धोखाधड़ी को रोकना है। हालांकि, OTP में संभावित देरी और नए इंफ्रास्ट्रक्चर नियमों के कारण शुरुआती चुनौतियां भी हो सकती हैं।

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