भारत में स्टार्टअप करना चाहते हैं शुरू, लेकिन फंड की है दिक्कत? तो जान लीजिए सरकारी लोन स्कीम से जुड़ी वो सभी जरूरी बातें जो आपको होनी चाहिए पता
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भारत वर्ल्ड लीडिंग स्टार्टअप डेस्टिनेशन के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है. देश के दो शहर बेंगलुरु और मुंबई इस मामले में काफी आगे हैं. इन शहरों ने 2024 में ग्लोबल वेंचर कैपिटल इकोसिस्टम के तहत पिचबुक की लेटेस्ट रैंकिंग में दुनियाभर के टॉप 50 स्टार्टअप शहरों में अपनी जगह बनाई है.
इससे पहले, मार्च 2024 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप महाकुंभ में कहा था कि मौजूदा समय में भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है.
इन सभी डेवलपमेंट के बावजूद, किसी स्टार्टअप के आइडिया से लेकर उसके एग्जिक्यूशन तक के सफर में काफी फंडिंग की जरूरत होती है. फंड के लिए कई आंत्रप्रेन्योर को काफी संघर्ष करना पड़ता है. उनकी इस चुनौती का हल निकालने के लिए, भारत सरकार ने कई लोन स्कीमें शुरू की हैं. स्टार्टअप सरकारी स्कीमों के अलावा मनीकंट्रोल जैसे डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए भी लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. आप 100% पेपरलेस प्रोसेस के साथ मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट के जरिए 50 लाख रुपए तक के लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. ब्याज दरें 10.5% सालाना से शुरू होती हैं. आइए आपको कुछ सरकारी योजनाओं के बारे में बताते हैं :
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) नॉन-कॉर्पोरेट, नॉन-फार्मिंग (गैर-कृषि) स्मॉल और माइक्रो एंटरप्राइजेज को फाइनेंशियल सपोर्ट प्रदान करती है. इस स्कीम के तहत 20 लाख रुपए तक के लोन उपलब्ध हैं. कमर्शियल बैंक, RRB, स्मॉल फाइनेंस बैंक, MFI और NBFC जैसे अलग-अलग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के जरिए लोन डिस्बर्स किए जाते हैं. यह स्कीम चार केटेगरीज में लोन मुहैया कराती है, जिसमें शामिल हैं -
स्टैंड-अप इंडिया स्कीम भारत सरकार की एक योजना है, जो अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) और महिला आंत्रप्रेन्योर को बैंक लोन प्रदान करती है. इस स्कीम का मकसद इन कम्युनिटीज के बीच आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है ताकि वे मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस, ट्रेडिंग या एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट सेटअप कर सकें.
इस स्कीम के जरिए बैंकों को कम से कम एक SC /ST और एक महिला आंत्रप्रेन्योर को 10 लाख से 1 करोड़ रुपए तक का लोन देकर नया बिजनेस शुरू करने में मदद करना है. अगर एंटरप्राइज नॉन-इंडिविजुअल है, तो 51% से ज्यादा शेयरहोल्डिंग और कंट्रोल SC/ST या महिला आंत्रप्रेन्योर के पास होना चाहिए.
लोन लेने वालों की सुविधा के लिए एक रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है. इस बीच ट्रेनिंग, स्किल डेवलपमेंट, मेंटरिंग, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने, एप्लीकेशन भरने, वर्क शेड/यूटिलिटी सपोर्ट सर्विसेज, सब्सिडी स्कीम में लगी एजेंसियों के नेटवर्क के जरिए लाभार्थी की मदद भी की जाती है.
इस योजना को MSME मंत्रालय ने शुरू किया था. MSME मंत्रालय ने सिडबी के साथ मिलकर माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट की स्थापना की है. इस स्कीम का मकसद माइक्रो और स्मॉल इंटरप्राइजेज (Micro and Small Enterprises) को बिना किसी जमानत या थर्ड पार्टी की गारंटी के लोन दिलाने में मदद करना है. 1 अप्रैल, 2023 से, इस स्कीम में बदलाव किया गया है ताकि MSE को CGTMSE के मेंबर लेंडिंग इंस्टीट्यूशन के नेटवर्क के जरिए 5 करोड़ रुपए तक का कॉलेटरल-फ्री लोन ऑफर किया जा सके.
यह स्कीम उन लोन्स के लिए क्रेडिट गारंटी प्रदान करती है, जो डीपीआईआईटी रिकॉग्नाइज्ड स्टार्टअप्स ने स्कीम के मेंबर इंस्टीट्यूशंस (MIs) से लिए हैं. यह गारंटी नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (NCGTC) के जरिए मेंबर इंस्टीट्यूशन (MI) को प्रदान की जाती है, जो स्टार्टअप को लोन देते है. यह स्कीम 10 करोड़ रुपए तक की क्रेडिट गारंटी देती है. क्रेडिट गारंटी कवरेज या तो ट्रांजैक्शन-बेस्ड या अम्ब्रेला-बेस्ड हो सकता है. (ट्रांजैक्शन-बेस्ड कवर का मतलब है कि हर लोन ट्रांजैक्शन के लिए अलग गारंटी प्रोवाइड की जाती है, जबकि अम्ब्रेला बेस्ड कवर एक ही गारंटी के तहत कई लोन को कवर करता है).
सरकारी लोन स्कीम के लिए स्टार्टअप्स कैसे अप्लाई करें?
अगर आप भी अपने स्टार्टअप के लिए सरकरी मदद चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको स्कीम से संबंधित वेबसाइट पर जाना होगा. यहां आप स्कीम से जुड़ी डिटेल्स और जरूरत के बारे में जान सकते हैं. इसके बाद आप लेंडर की वेबसाइट पर जा सकते हैं और संबंधित डॉक्यूमेंट अपलोड करके ऑनलाइन लोन एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं. अगर आप चाहें तो एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए लेंडर की ब्रांच में भी जा सकते हैं और जिस स्कीम के लिए आप अप्लाई करना चाहते हैं उससे संबंधित डॉक्यूमेंट जमा कर सकते हैं.
गवर्नमेंट लोन स्कीम के लिए अप्लाई करने के लिए एलिजिबिलिटी
गवर्नमेंट लोन स्कीम के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया अलग-अलग होते हैं, लेकिन स्टार्टअप को आम तौर पर नीचे दी गई जरूरतों को पूरा करना होता है:
स्टार्टअप कम से कम 5 साल से ऑपरेशनल हो.
इसका टोटल टर्नओवर 25 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन (DIPP) से स्टार्टअप को अप्रूवल मिला हो.
कई लेंडर को इंडियन पेटेंट और ट्रेडमार्क ऑफिस से पेटेंट गारंटी की भी जरूरत होती है.
स्टार्टअप लोन अप्लाई करने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
दो पासपोर्ट साइज फोटो
आइडेंटिटी प्रूफ, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID, पासपोर्ट, आधार कार्ड या पैन कार्ड शामिल हो सकते हैं
एड्रेस प्रूफ, जिसमें पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर ID, आधार कार्ड या पोस्टपेड फोन बिल शामिल हो सकते हैं
ऐज प्रूफ के लिए पासपोर्ट या पैन कार्ड
इनकम प्रूफ के लिए पिछले छह महीनों के बैंक स्टेटमेंट, इनकम टैक्स रिटर्न रिटर्न या सैलरी स्लिप
सिग्नेचर प्रूफ के लिए बैंक वेरिफाइड सिग्नेचर, पैन कार्ड या पासपोर्ट
उसी बैंक अकाउंट का कैंसिल चेक या पासबुक के फ्रंट पेज की कॉपी
निष्कर्ष
स्टार्टअप लोन आंत्रप्रेन्योर को उनके सपनों को साकार करने में अहम भूमिका निभाते हैं. मनीकंट्रोल कई तरह के लोन ऑफर करता है. जल्दी लोन पाने के लिए एप्लीकेंट ऑनलाइन अपनी डिटेल दर्ज करने के बाद KYC कंप्लीट करके EMI रीपेमेंट सेट कर सकते हैं.
सारांश
भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम तेजी से बढ़ रहा है. उभरते आंत्रप्रेन्योर के लिए, सरकारी लोन स्कीमें और मनीकंट्रोल जैसे डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म फंडिंग में आने वाली रुकावटों को दूर कर रहे हैं. इस आर्टिकल में इनके बारे में विस्तार से जानें.
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