Sarkari Yojana: अटल पेंशन योजना (APY) से अब करोड़ों लोग जुड़ चुके हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बताया कि 31 अक्टूबर 2025 तक कुल 8.34 करोड़ लोग इस योजना में पैसा निवेश कर चुके हैं। खास बात यह है कि इनमें से 4.04 करोड़ महिलाएं हैं, यानी कुल सब्सक्राइबर्स का लगभग 48% हिस्सा महिलाएं बनाती हैं।
अटल पेंशन योजना 9 मई 2015 को शुरू की गई थी, ताकि देश के आम लोगों खासतौर पर कम आय वाले और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को बुजुर्ग होने पर पेंशन की सुरक्षा मिल सके। 18 से 40 साल के सभी लोगों को यह योजना उपलब्ध है, बस बैंक या पोस्ट ऑफिस में बचत खाता होना जरूरी है। 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद सब्सक्राइबर को हर महीने तय पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। पहला बैच 2035 से पेंशन पाना शुरू करेगा।
सरकार और PFRDA लगातार योजना को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए 13 भाषाओं में ब्रोशर, देशभर में जागरूकता अभियान, और बैंक मित्र, SHG सदस्यों और बैंक सखियों को वर्चुअल ट्रेनिंग जैसी पहलें चल रही हैं। NABARD, NRLM, SRLMs और NCFE जैसी संस्थाएं भी इसमें मदद कर रही हैं।
न्यूनतम निवेश का पीरियड: 20 साल
योग्य लोग: सिर्फ वे जो इनकम टैक्स नहीं देते (1 अक्टूबर 2022 के बाद से नियम लागू)
योगदान: हर महीने, हर तिमाही या हर छह महीने में बैंक या डाकघर खाते से ऑटो-डेबिट के जरिए कर सकते हैं।
पेंशन का अमाउंट: उम्र के अनुसार मंथली योगदान तय होता है
कौन चला रहा है योजना : पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA)
अगर कोई व्यक्ति 1,000 रुपये की मासिक पेंशन चाहता है, तो उसे उम्र के अनुसार यह अमाउंट देना होगा।
19 साल की उम्र में: 46 रुपये
(यह योगदान 60 साल तक नियमित देना होता है)
60 साल की उम्र में इस योजना से लगभग 1.7 लाख रुपये का कोष बनता है।
यदि खाताधारक की मृत्यु 60 साल की उम्र के बाद हो जाती है, तो उनके पति या पत्नी को वही मासिक पेंशन मिलती रहती है। जब दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी व्यक्ति को पूरा कोष वापस कर दिया जाता है।
पेमेंट में देरी पर क्या होगा?
अगर खाते में पैसे नहीं हैं और तय तारीख तक पेमेंट नहीं हुआ, तो 100 रुपये पर 1 रुपये मासिक पेनल्टी जुड़ती है। अटल पेंशन योजना आज देश के असंगठित क्षेत्र के करोड़ों लोगों के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा का एक अच्छा ऑप्शन बन चुकी है।