उत्तर प्रदेश सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बड़े स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। यह कैंपेन 25 नवंबर 2025 से शुरू हुआ है और पूरे एक महीने तक चलेगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा पात्र परिवारों को मुफ्त इलाज का सुरक्षा कवच मिल सके।
राज्य सरकार के निर्देशों के मुताबिक यह स्पेशल ड्राइव यूपी के सभी जिलों में एक साथ चलाया जा रहा है। लक्ष्य है कि हर पात्र परिवार के हर सदस्य के नाम से अलग‑अलग आयुष्मान कार्ड बन सके, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी सदस्य का इलाज बिना पैसे के हो सके।
क्या है आयुष्मान कार्ड का लाभ
आयुष्मान कार्ड साल 2018 में शुरू हुई आयुष्मान भारत PM-JAY योजना के तहत जारी किया जाने वाला हेल्थ कार्ड है। इस कार्ड के जरिए देशभर के हजारों सरकारी और चुने हुए प्राइवेट अस्पतालों में प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलती है।
योजना में हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, किडनी व यूरिनरी समस्याएं, लीवर और पेट के रोग, सांस की दिक्कतें और हड्डी‑जोड़ संबंधी कई गंभीर बीमारियां शामिल हैं। योजना पोर्टेबल है, यानी लाभार्थी अपने राज्य के अलावा दूसरे राज्यों के सूचीबद्ध अस्पतालों में भी इलाज करवा सकते हैं और मरीजों के डिजिटल रिकॉर्ड से प्रक्रिया पारदर्शी व आसान बनती है।
किन डॉक्यूमेंट्स की पड़ेगी जरूरत
अभियान के दौरान आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कुछ बेसिक दस्तावेज अनिवार्य रखे गए हैं। इनमें फैमिली आईडी, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और आधार से लिंक मोबाइल नंबर शामिल हैं।
इसके अलावा लोग अपनी ASHA वर्कर से संपर्क कर यह भी चेक कर सकते हैं कि उनका नाम लाभार्थी सूची में है या नहीं। दस्तावेज तैयार रहने पर कैंप में या डिजिटल माध्यम से कार्ड बनवाने की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है।
सरकार ने प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है, इसलिए इच्छुक लोग घर बैठे भी आयुष्मान कार्ड जनरेट कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले फोन पर आधिकारिक आयुष्मान ऐप इंस्टॉल कर भाषा चुननी होती है और Beneficiary सेक्शन के जरिए मोबाइल नंबर व कैप्चा भरकर लॉगिन करना होता है।
इसके बाद स्कीम में PM-JAY चुनकर राज्य, जिला और आधार नंबर डालकर आगे बढ़ना होता है, जहां परिवार के उन सदस्यों के नाम के आगे ऑथेंटिकेट लिखा दिखेगा जिनका कार्ड अभी नहीं बना है। संबंधित सदस्य के नाम पर टैप करके आधार ऑथेंटिकेशन, OTP वेरिफिकेशन, फोटो क्लिक और मोबाइल नंबर व रिश्ते की जानकारी देकर e-KYC पूरी की जाती है, जिसके करीब एक हफ्ते बाद विवरण वेरिफाई होने पर उसी ऐप से कार्ड डाउनलोड किया जा सकता है।