Income Tax Refund: सीबीडीटी चेयरमैन ने बताया टैक्सपेयर्स के बैंक अकाउंट में कब तक आ सकता है रिफंड का पैसा

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कई टैक्सपेयर्स को रिफंड इश्यू कर दिए गए है। उन रिटर्न के मामले में रिफंड में देर हो रही है, जिनकी फाइलिंग में गड़बड़ी है। इनमें कैलकुलेशन से जुड़ी गड़बड़ी हो सकती है। गलत क्लेम के मामले हो सकते है

अपडेटेड Nov 26, 2025 पर 4:18 PM
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टैक्सपेयर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 244ए के तहत रिफंड में देरी पर इंटरेस्ट पाने का हकदार होता है।

कई इनकम टैक्सपेयर्स को अभी रिफंड का पैसा नहीं मिला है। वे इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर रिफंड में देरी की वजह का पता लगा रहे है। लेकिन, उन्हें इस बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं चल रहा है। हाल में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने इस बारे में बताया है। उन्होंने कहा है कि कई इनकम टैक्स रिटर्न असामान्य दिख रहे हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ध्यान से उन्हें चेक कर रहा है। यह देखा जा रहा है कि क्या उन्हें फाइल करने में किसी तरह की गलती हुई है।

इन वजहों से हो रही रिफंड में देर 

Income Tax Department की तरफ से कई टैक्सपेयर्स को रिफंड इश्यू कर दिए गए है। उन रिटर्न के मामले में रिफंड में देर हो रही है, जिनकी फाइलिंग में गड़बड़ी है। इनमें कैलकुलेशन से जुड़ी गड़बड़ी हो सकती है। गलत क्लेम के मामले हो सकते है। ऐसे डिडक्शन के क्लेम हो सकते हैं, जो डेडलाइन के बाद किए गए हैं। कुछ मामलों में रिफंड में देर की वजह टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट का नॉन-वैलिडेशन हो सकता है। आईटीआर की प्रोसेसिंग ऑटोमेटेड सिस्टम के जरिए होती है।


इस महीने या दिसंबर में आएगा रिफंड

अग्रवाल ने कहा कि बाकी रिफंड इस महीने के अंत या अगले महीने तक इश्यू कर दिए जाएंगे। टैक्सबडी डॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगर ने कहा, "कई बार सिस्टम ज्यादा अमाउंट के रिफंड क्लेम को अतिरिक्त चेक के लिए भेज देता है। इसमें समय लगता है। इसके अलावा, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इनटर्नल प्रोसेसिंग के तहत रिफंड्स बैचेज में इश्यू किए जाते हैं। कम अमाउंट के रिफंड के मुकाबले ज्यादा अमाउंट के रिफंड के इश्यू होने में थोड़ा समय लग सकता है।"

पोर्टल पर स्टेटस चेक करते रहने की सलाह

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपक रिफंड अब तक नहीं आया है तो आपको इनकम टैक्स पोर्टल को चेक करते रहना चाहिए। इससे आपको रिफंड में देर की वजह का पता चल सकता है। टैक्सपेयर्स को यह भी देख लेना चाहिए कि उसने बैंक अकाउंट को वैलिडेट किया है या नहीं। बांगर ने कहा, "टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स पोर्टल पर 'वर्कलिस्ट' टैब के तहत कनफर्मेशन का रिक्वेस्ट मिल सकता है। इसमें उ्हें अपने रिफंड क्लेम के करेक्टनेस को वैलिडेट करने को कहा जाता है। इस तरह गलत डिडक्शन या क्रेडिट क्लेम करने वाले वाले टैक्सपेयर्स को अपने रिटर्न को रिवाइज करने का मौका मिलता है।"

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रिफंड में देरी पर इंटरेस्ट का प्रावधान

टैक्सपेयर्स के पास अपनी शिकायत सब्मिट करने की भी सुविधा है। वे सीधे पोर्टल के जरिए अपनी शिकायत सब्मिट कर सकते हैं। वे असिस्टेंस के लिए सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) की हेल्पडेस्क की मदद ले सकते हैं। टैक्सपेयर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 244ए के तहत रिफंड में देरी पर इंटरेस्ट पाने का हकदार होता है। उसे रिफंड अमाउंट पर प्रति माह 0.5 फीसदी इंटरेस्ट मिलता है।

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