दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं? FEMA के नियमों को जान लें नहीं तो जाना पड़ सकता है जेल

कई अमीर भारतीय विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) का इस्तेमाल कर रहे हैं। एलआरएस के तहत विदेश में 2,50,000 डॉलर तक की प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है। कानून के जानकारों का कहना है कि लोन या किस्तों में प्रॉपर्टी का पेमेंट करने से FEMA का उल्लंघन हो सकता है

अपडेटेड Nov 26, 2025 पर 2:55 PM
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कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां भारतीय लोगों को विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने का ऑफर दे रही हैं।

विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को फॉरेन एक्सचेंज के नियमों का ध्यान रखना होगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नियम के उल्लंघन पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) का नोटिस आ सकता है। यह मसला इसलिए अहम है, क्योंकि कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां भारतीय लोगों को विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने का ऑफर दे रही हैं। इनमें देशी और विदेशी दोनों तरह की रियल एस्टेट कंपनियां शामिल हैं। आइए इस पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानते हैं।

विदेश में लोन लेने को लेकर पेच

रियल एस्टेट कंपनियां विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए शुरुआत में कुछ पैसे चुकाने का ऑफर दे रही हैं। कई बार यह प्रॉपर्टी की वैल्यू का सिर्फ 1 फीसदी होता है। बाकी पैसा लोन के जरिए या हर महीने किस्त में चुकाया जा सकता है। लेकिन, विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए विदेश में लोन लेने को लेकर पेच फंसा है। कानून के जानकारों का कहना है कि लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) का इस्तेमाल कर विदेश में प्रॉपर्टी खरीदी जा सकता है। लेकिन, विदेश में इसके लिए लोन लेने को लेकर सवाल है।


LRS का नियम इजाजत देता है

कई अमीर भारतीय विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) का इस्तेमाल कर रहे हैं। एलआरएस के तहत विदेश में 2,50,000 डॉलर तक की प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है। कानून के जानकारों का कहना है कि लोन या किस्तों में प्रॉपर्टी का पेमेंट करने से FEMA का उल्लंघन हो सकता है।

'Easy EMI' जैसे ऑफर को लेकर सावधानी

Sarvaank Law की फाउंडर अंकिता सिंह ने कहा, "इंडियन रेजिडेंट्स को विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने की इजाजत है। लेकिन, इसका पेमेंट LRS के तहत होना चाहिए। FEMA विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए विदेश में लोन लेने की इजाजत नहीं देता है। भारतीय लोगों को विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए 'Easy EMI' जैसे ऑफर को लेकर सावधान रहना होगा। अगर पेमेंट मॉडल ऑफशोर क्रेडिट जैसा है तो इसके FEMA के फ्रेमवर्क के बाहर होने की बहुत ज्यादा संभावना है।"

पहले FEMA के तहत थी इजाजत

2022 तक FEMA के नियमों में एक क्लॉज था, जो अमीर भारतीयों को विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने के लिए स्पेशियलाइज्ड ओवरसीज एनटिटी बनाने की इजाजत देता था। लेकिन, सरकार ने FEMA के नए नियम नोटिफाय किए, जो अगस्त 2022 से लागू हैं। इसमें उस क्लॉज को हटा दिया गया है। FEMA के नियमों के उल्लंघन पर पेनाल्टी काफी ज्यादा है। ऐसे मामलों में जेल की सजा तक हो सकती है। FEMA के उल्लंघन के मामले ED के तहत आते हैं।

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FEMA के उल्लंघन पर जेल तक की सजा

Obhan & Associates की पार्टनर अकांक्षा दुआ ने कहा, "अगर कोई भारतीय विदेश में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा वैल्यू की प्रॉपर्टी खरीदता है और इससे FEMA के नियमों का उल्लंघन होता है तो ऐसे व्यक्ति को तीन गुना (Sum of the Contravention) पेनाल्टी चुकानी पड़ सकती और इंडिया में उतनी वैल्यू की प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है। इंडिया में उतनी वैल्यू की प्रॉपर्टी जब्त होने के अलावा उसे 5 साल की जेल की सजा और जुर्मान दोनों हो सकता है।"

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