फिर से शुरू हो सकता है सरकारी बैंकों का मर्जर, 4 या 5 बड़े बैंक बनाये रखने की है सरकार की योजना

सरकारी बैंकों के निजीकरण का भी सरकार प्लान बना रही है और पिछले बजट में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव भी रखा था

अपडेटेड Jul 16, 2022 पर 11:01 AM
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केंद्र ने 2019 में 10 सरकारी बैंकों के चार बड़े बैंकों में मर्जर का ऐलान किया था जिससे सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई

भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India (SBI) जितने बड़े 4 या 5 बैंक रहें इस उद्देश्य से सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मर्जर के परिणाम पर विस्तृत अध्ययन के बाद सरकारी बैंकों के मर्जर के अगले दौर की शुरुआत करने की योजना बना रही है। ऐसा ईटी की एक रिपोर्ट में बताया गया है। वर्तमान में भारत में सात बड़े और पांच छोटे सरकारी बैंक हैं।

एक अधिकारी ने कहा “संबंधित बैंकों को महीने के अंत तक अपना फीडबैक देने के लिए कहा गया है। हम भविष्य की रणनीति को मजबूत करने से पहले भारतीय बैंक संघ (Indian Banks’ Association (IBA) और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ व्यापक चर्चा करेंगे।"

केंद्र ने 2019 में 10 सरकारी बैंकों के चार बड़े बैंकों में विलय या मर्जर की घोषणा की थी। इससे 2017 में 27 की तुलना में सरकारी बैंकों की संख्या 12 हो गई थी। ये विलय अप्रैल 2020 से प्रभावी हो गया था।


युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) का पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) में विलय कर दिया गया।

जबकि सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) का केनरा बैंक (Canara Bank) में विलय हो गया। इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) को इंडियन बैंक (Indian Bank) के साथ मिला दिया गया। इसके साथ ही आंध्रा बैंक (Andhra Bank) और कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में मिला दिया गया।

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गौरतलब है कि 2019 में देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) का बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) में विलय कर दिया गया था। इससे पहले सरकार ने एसबीआई (SBI) और भारतीय महिला बैंक (Bharatiya Mahila Bank) के पांच सहयोगी बैंकों को भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में विलय कर दिया था।

विलय के अलावा सरकारी बैंकों के निजीकरण की भी योजना है। जबकि सरकार ने पिछले बजट में दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था। कुछ लोगों का मानना ​​है कि संभावित निवेशकों सहित स्टेकहोल्डर्स के बीच अधिक परामर्श के बाद ही ये प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

नीति आयोग पहले ही इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank (IOB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India (CBI) के निजीकरण की सिफारिश कर चुका है। हालांकि सरकार ने अभी इस पर अंतिम फैसला नहीं लिया है।

 

 

 

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