आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमिटी ने कल यानी 5 अगस्त को बेंचमार्क रेपो रेट को 4.90 फीसदी से बढ़कर 5.40 फीसदी करने का निर्णय लिया है। रेपो रेट में इस बढ़ोतरी के बाद बैंकरों को उम्मीद है कि नियर टर्म में लोन रेट्स में 0.25 से 0.50 फीसदी की बढ़त देखने को मिल सकती है। फेडरल बैंक के चीफ फाइनेंशियल ऑफीसर और ग्रुप प्रेसीडेंट वेंकटरामन वेंकटेश्वरन ने मनीकंट्रोल से 5 अगस्त को कहा कि " रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR)लिंक्ड लोन रेट में 0.20 फीसदी से 0.30 फीसदी की बढ़त होने की उम्मीद है। वहीं, डिपॉजिट रेट में 0.30 फीसदी से 0.50 फीसदी तक की बढ़त हो सकती है।
इसी तरह श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के वायस-चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर उमेश रेवांकर ने कहा कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR)लिंक्ड लोन रेट में रेपो रेट में कल हुई बोढ़ोतरी के बाद आगे 0.20 फीसदी से 0.50 फीसदी तक की बढ़त देखने को मिल सकती है।
Axis Bank के नीरज गंभीर का भी कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि नीतिगत दरों (policy rates)में हुई बढ़त के अनुरूप ही डिपॉजिट और लेंडिंग दरों में भी नियत समय में बोढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा, 'बढ़त की सही मात्रा लिक्विडिटी और बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगी'।
फेडरल बैंक के ईडी आशुतोष खजूरिया ने कल आरबीआई की पॉलिसी के बाद कहा कि कर्ज महंगा होने का सिलसिला अभी रुकने वाला नहीं है। RBI आगे और दरें बढ़ाएगा। अभी कर्ज और महंगा होगा। RBI धीरे-धीरे बढ़ोतरी कर सकता है। रेपो रेट 5.75 से 6 फीसदी तक हो सकता है।
गौरतलब है कि महंगाई अभी भी बहुत बड़ी चिंता है। महंगाई कंट्रोल करने के लिए क्रेडिट पॉलिसी में लगातार तीसरी बार कल RBI ने दरें बढ़ाकर प्री-कोविड लेवल पर ला दिया है। 0.50 फीसदी की बढोतरी के साथ अब रेपो रेट बढ़कर 5.4 फीसदी पर चला गया है। हालंकि वित्तवर्ष 2023 के लिए महंगाई का अनुमान 6.7 फीसदी रखा है। वहीं ग्रोथ यानि GDP का अनुमान वित्तवर्ष 2023 के लिए 7.2 फीसदी बरकरार रखा गया है। वहीं RBI गवर्नर का मानना है कि अभी यह कहना मुमकिन नहीं होगा कि आखिर RBI दरें बढ़ाने को कब रोकेगा।