बेस्ट पर्सनल लोन: कैसे चुनें और किन बातों का रखें ध्यान
21 March, 2025 | 14:35 IST
मुश्किल आर्थिक हालात के दौरान पैसों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने में पर्सनल लोन काफी कारगर साबित हो सकता है. मौजूदा समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के आने से पर्सनल लोन लेना काफी आसान हो गया है. अब आप अपने मोबाइल फोन की मदद से कुछ ही मिनटों में पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करके अप्रूवल ले सकते हैं.
हालांकि, बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) की ओर से पर्सनल लोन्स के तमाम ऑप्शंस उपलब्ध हैं. इसलिए अपने मनमुताबिक पर्सनल लोन चुनना काफी मुश्किल काम हो सकता है. यहां हम उन फैक्टर्स पर बात करने जा रहे हैं, जिन्हें पर्सनल लोन ऑफर चुनते समय आपको ध्यान में रखना चाहिए.
अपनीफाइनेंशियल जरूरतों को समझें : पर्सनल लोन के अलग-अलग ऑप्शंस को देखने से पहले अपनी फाइनेंशियल जरूरतों को समझना जरूरी है. सोचें कि आखिर आपको लोन की जरूरत क्यों हैं? क्या आपको किसी मौजूदा लोन को चुकाना है या यह किसी बड़ी खरीदारी या इमरजेंसी के लिए है? अपने मकसद को जानने से आपको लोन अमाउंट और रीपेमेंट का समय चुनने में मदद मिलेगी. मसलन, अगर आप अपने मल्टीपल लोन्स को सिंगल लोन में कंवर्ट करने की सोच रहे हैं तो आपको कम इंटरेस्ट वाले पर्सनल लोन की दरकार रहेगी, लेकिन अगर आपको इमजेंसी में पर्सलन लोन चाहिए तो क्विक अप्रूवल आपकी प्रायोरिटी होगा.
इंटरेस्ट रेट की तुलना करें : पर्सनल लोन लेते वक्त एक अहम फैक्टर इंटरेस्ट रेट है. पर्सनल लोन आप पर बोझ न बने इसलिए लोन चुकाने की कैपेबिलिटी के हिसाब से इंटरेस्ट रेट चुनना जरूरी है. फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (जैसे बैंक या NBFC) के आधार पर इंटरेस्ट रेट्स अलग-अलग हो सकते हैं. इस दौरान मामूली अंतर भी आपका काफी पैसे बचा सकता है. अगर आप दस लाख रूपए का लोन 5 साल में चुका रहे हैं तो 10 या 11 परसेंट के इंटरेस्ट रेट में बहुत मामूली सा अंतर लगता है, लेकिन असल में इससे हजारों रूपए का फर्क पड़ सकता है.
लोन के टेन्योर को चेक करें : टेन्योर का मतलब लोन चुकाने के पीरियड से होता है. आमतौर पर बैंक या NBFCs 12 से लेकर 60 महीने तक के टेन्योर के लिए पर्सनल लोन देते हैं. इस दौरान अगर आप लंबे समय और कम EMIs का ऑप्शन चुनते हैं तो आपको ज्यादा इंटरेस्ट देना पड़ सकता है. वहीं छोटे टेन्योर और ज्यादा EMIs के साथ इंटरेस्ट कम हो सकता है.
फीस और चार्जेज चेक करें : इंटरेस्ट रेट के अलावा भी पर्सनल लोन के साथ कुछ फीस और चार्जेज जुड़े होते हैं. इनमें प्रोसेसिंग फीस, लेट पेमेंट चार्जेज और प्रीपेमेंट पेनाल्टीज शामिल हैं. पर्सनल लोन के लिए सबसे अच्छा लेंडर चुनते समय आपको इन चीजों को भी ध्यान में रखना चाहिए. आपको बता दें कि कुछ बैंक लोन अमाउंट का 1% से 2% प्रोसेसिंग चार्ज लेते हैं.
एलिजिबिलिटी चेक करें :पर्सनल लोन को लेकर हर बैंक के अपने एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया होते हैं. इनमें आमतौर पर आपका क्रेडिट स्कोर, इनकम, एम्प्लॉयमेंट स्टेटस और उम्र शामिल होती है. पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते समय चेक करें कि क्या आप इन पर खरा उतर पा रहे हैं. एक अच्छा क्रेडिट स्कोर (700 से ऊपर) आपको सबसे अच्छा पर्सनल लोन दिलाने में मददगार साबित हो सकता है. इस दौरान कम इंटरेस्ट रेट की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं.
लोन जल्दी चाहिए तो पहले ये जान लेंः लोन मिलने में कितना समय लगेगा, ये चेक करना जरूरी है. कुछ बैंक क्विक अप्रूवल और पैसा ट्रांसफर कर देते हैं, जबकि कुछ बैंक इस काम के लिए थोड़ा समय लेते हैं.
पर्सनल लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें : ‘पर्सनल लोन EMI कैलकुलेटर’ एक बहुत ही अच्छा टूल है, जो आपको अपने लोन के फाइनेंशियल इम्प्लिकेशन्स को समझने में मदद कर सकता है. लोन का अमाउंट, इंटरेस्ट रेट और टेन्योर दर्ज करके, आप चेक कर सकते हैं कि आपको हर महीने कितनी EMI भरनी है. इसके अलावा पर्सनल लोन कैलकुलेटर फीचर का इस्तेमाल करके आप अलग-अलग बैंकों के अलग-अलग ऑफर्स की तुलना भी कर सकते हैं. इससे पर्सनल लोन लेते समय सबसे अच्छा बैंक चुनना आसान हो जाता है.
बैंक की कस्टमर सर्विस के बारे में जानकारी हासिल करें: बैंक या किसी दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की ओर से दी जाने वाली कस्टमर सर्विस इस प्रोसेस में एक अहम भूमिका निभा सकती है. इस दौरान चेक करें कि बैंक की कस्टमर सर्विस कैसी है और ऑनलाइन सपोर्ट कितना बेहतर है. एक बेहतर कस्टमर सर्विस वाला बैंक आपके पर्सनल लोन के प्रोसेस को काफी आसान बना सकता है.
नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ें : पर्सनल लोन लेते समय नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए. इनमें अहम जानकारी शामिल हो सकती है, ये कुछ ऐसे पाइंट्स होते हैं जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है. जैसे -
इंटरेस्ट रेट कैसे तय किया गया है?
अगर आप पेमेंट करने से चूक जाते हैं तो क्या होगा?
अगर आप लोन को टेन्योर से पहले बंद करना चाहते हैं तो क्या होगा?
ऑप्शंस को ठीक से चेक न करना : यह गलती काफी महंगी साबित हो सकती है, क्योंकि बैंक और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की ओर से ऑफर किया जाने वाला इंटरेस्ट रेट काफी अलग-अलग हो सकता हैं. इसके अलावा अगर आपको पैसों की तुरंत जरूरत है, तो ऐसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की तलाश करें, जो जल्द से जल्द लोन डिस्बर्स करते हों.
छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज करना : पर्सनल लोन लेते समय आपको इससे जुड़ी छोटी-बड़ी शर्तों और नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए. बेहतर होगा कि आप प्रोसेसिंग व दूसरी अलग-अलग फीस व चार्जेज, रीपेमेंट की शर्तें और फोरक्लोजर ऑप्शंस के बारे में पता कर लें.
अपनी जरूरत से ज्यादा लोन लेना: जरूरत से ज्यादा लोन लेना नुकसानदायक हो सकता है. सिर्फ इसलिए बड़ा लोन न लें क्योंकि बैंक ऑफर कर रहा है. इससे आपकी ईएमआई बढ़ सकती है, जिसे चुकाना मुश्किल हो सकता है और क्रेडिट स्कोर भी खराब हो सकता है.
मनीकंट्रोल के जरिए पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करना, उन लोगों के लिए एक बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है, जो 100% डिजिटल लोन अप्रूवल की तलाश में हैं. यह टॉप लेंडिंग पार्टनर्स के जरिए 50 लाख रुपए तक का इंस्टेंट पर्सनल लोन अप्रूवल ऑफर करता है. इसका एप्लीकेशन प्रोसेस भी आसान है :
अपनी पर्सनल लोन एलिजिबिलिटी को चेक करने के लिए बेसिक जानकारी दें.
इसके बाद KYC प्रोसेस पूरा करके अपनी आइडेंटिटी कंफर्म करें.
पर्सनल लोन लेना एक बड़ा फाइनेंशियल निर्णय है, जिसे आपको अपने आर्थिक हालात को ध्यान में रखकर लेना चाहिए. अपने सामने आने वाले पहले ऑप्शन को चुनने के बजाय बाजार में मौजूद सभी ऑप्शंस को ठीक से चेक करें. ऑनलाइन पर्सनल लोन ऐप्स मौजूद होने के चलते लोन लेना काफी आसान हो गया है. लेकिन इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने के लिए आपको इसे जिम्मेदारी से मैनेज करना होगा.
सारांश
इतने सारे ऑप्शंन्स के बीच अपने लिए सबसे बेहतर पर्सनल लोन चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. बेहतर होगी कि आप अपनी जरूरतों को समझें, ब्याज दरों की तुलना करें और लोन की शर्तों को ध्यान से पढ़ें और लोन लेने से पहले अपनी ईएमआई देने की क्षमता, फीस और एलिजिबिलिटी भी जरूर चेक करें.
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