आजकल प्राइवेट अस्पतालों में बच्चों का जन्म ज्यादातर ऑपरेशन यानी सी-सेक्शन (C-section) से हो रहा है। पहले जहां 2016 में हर 100 में से करीब 43 बच्चों का जन्म ऑपरेशन से होता था, अब 2021 तक ये आंकड़ा बढ़कर करीब 50 के पास पहुंच गया है। यानी हर दो में से एक बच्चा अब ऑपरेशन से पैदा हो रहा है।
बीमा कंपनियों के दावों में भी दिख रहा बदलाव
डिजिट इंश्योरेंस के अधिकारी पंकज शाहाने के मुताबिक आज 10 में से 6-7 मैटरनिटी क्लेम ऑपरेशन से जुड़े होते हैं। सी-सेक्शन डिलीवरी का खर्च सामान्य डिलीवरी के मुकाबले दोगुना होता है। अगर नॉर्मल डिलीवरी के लिए 50,000 रुपये और सी-सेक्शन के लिए 1 लाख रुपये का कवरेज है। जाहिर है ज्यादातर लोग ऑपरेशन का क्लेम करेंगे।
शहरों में सी-सेक्शन का खर्च 3 लाख रुपये तक
टियर-1 शहरों में ऑपरेशन से डिलीवरी का खर्च 50,000 से लेकर 3 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। इसी को देखते हुए बीमा कंपनियां भी अपनी हेल्थ पॉलिसी में बदलाव कर रही हैं।
मैटरनिटी कवरेज में मिल रहे नए फायदे
अब कई इंश्योरेंस कंपनियां 2 लाख रुपये तक का मैटरनिटी कवरेज दे रही हैं। इसमें डिलीवरी से पहले और बाद की देखभाल, नवजात शिशु का खर्च और यहां तक कि इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट भी शामिल है। कुछ पॉलिसी में वेटिंग पीरियड भी कम कर दिया गया है—पहले जहां 2 से 4 साल तक इंतजार करना पड़ता था, अब कुछ प्लान्स में सिर्फ 3 महीने में भी फायदा मिलने लगा है।
धीरे-धीरे मैटरनिटी फंड बनाने की सुविधा
डिजिट इंश्योरेंस का ‘अर्ली स्टार्ट प्लान’ इस मॉडल पर काम करता है, जहां 9वें महीने में 15,000 रुपये से शुरुआत होती है और हर साल 10,000 रुपये बढ़ते हैं, जब तक फंड 1 लाख रुपये तक न पहुंच जाए।
क्या-क्या खर्चे कवर होते हैं?
अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स अब नॉर्मल डिलीवरी, ऑपरेशन से डिलीवरी, डिलीवरी के बाद की मेडिकल दिक्कतें और 90 दिन तक नवजात शिशु की देखभाल कवर करते हैं। कुछ प्लान्स इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट का भी खर्च उठाते हैं। हालांकि, स्टेम सेल स्टोरेज, रूटीन ओपीडी विजिट और तीसरे बच्चे का खर्च अब भी पॉलिसी से बाहर रहता है।
बड़ी कंपनियां कर रही बराबरी का कवरेज
कई बड़े कॉरपोरेट्स अब नॉर्मल और सी-सेक्शन दोनों तरह की डिलीवरी के लिए बराबर कवरेज दे रहे हैं। इससे अनावश्यक ऑपरेशन को हतोत्साहित करने में मदद मिल रही है।
फैमिली प्लानिंग कर रहे कपल्स के लिए सलाह
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप फैमिली प्लान कर रहे हैं, तो समय रहते मैटरनिटी कवर वाला हेल्थ इंश्योरेंस ले लें। इससे न सिर्फ डिलीवरी के खर्च में राहत मिलेगी, बल्कि किसी भी मेडिकल इमरजेंसी में फाइनेंशियल सेफ्टी भी बनी रहेगी।