New Labour Codes: पेड छुट्टी से लेकर ओवरटाइम के लिए डबल वेज तक...MSME वर्कर्स को क्या होंगे फायदे

सरकार अब डिटेल्ड नियम और योजनाएं बनाने के लिए परामर्श शुरू करेगी। इस बीच जहां जरूरी होगा, मौजूदा श्रम कानूनों के प्रावधान लागू रहेंगे। सरकार ने कहा है कि यह बदलाव देश को आजादी से पहले और बाद के समय के टुकड़ों में बंटे, पुराने कानूनों से आगे ले जाएगा

अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 12:23 PM
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इस कदम से MSMEs में काम करने वालों के लिए जरूरी बदलाव हुए हैं।

सरकार ने शुक्रवार, 21 नवंबर को एक ऐतिहासिक फैसले में सभी 4 लेबर कोड्स को नोटिफाई कर दिया। ये कोड हैं- वेज कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस (OSHWC) कोड। 29 मौजूदा श्रम कानूनों की जगह ये 4 कोड लाए गए हैं। इन कंसोलिडेटेड लेबर कोड्स में गिग यानि शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यूनिवर्सल सामाजिक सुरक्षा कवरेज, सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य अपॉइंटमेंट लेटर, सभी क्षेत्रों में वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और वक्त पर पेमेंट जैसे प्रावधान शामिल हैं।

सरकार के इस कदम से माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (MSMEs) में काम करने वालों के लिए जरूरी बदलाव हुए हैं। इनमें गारंटीड मिनिमम वेज, बेहतर वर्कप्लेस सुविधाएं और बढ़ा हुआ सोशल सिक्योरिटी कवरेज शामिल है।

MSME वर्कर्स के लिए फायदे


नए नियमों के तहत, सभी MSME वर्कर अब सोशल सिक्योरिटी कोड के तहत आते हैं और पात्रता, कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय होती है। सभी जगहों पर मिनिमम वेज जरूरी है और वर्कर्स, स्टैंडर्ड वर्किंग ऑवर्स, पेड छुट्टी और ओवरटाइम के लिए डबल वेज के हकदार हैं। एंप्लॉयर को यह भी पक्का करना होगा कि समय पर सैलरी का पेमेंट हो और कैंटीन, पीने का पानी और आराम करने की जगह जैसी बेसिक सुविधाएं दी जाएं।

New Labour Codes: ग्रैच्युटी और PF नियमों को कैसे बदलेंगे नए लेबर कोड, किन कर्मचारियों को होगा फायदा?

केंद्र सरकार का कहना है कि नया फ्रेमवर्क भारत के लेबर रेगुलेशंस को अपडेट करता है, वर्कर्स की सुरक्षा को बढ़ाता है और तेजी से बदलती इकोनॉमी के लिए वर्कफोर्स को तैयार करता है। सरकार ने कहा है कि यह बदलाव देश को आजादी से पहले और बाद के समय के टुकड़ों में बंटे, पुराने कानूनों से आगे ले जाएगा, और भारत को मॉडर्न ग्लोबल लेबर स्टैंडर्ड के अनुरूप बनाएगा। सुधारों में महिलाओं के लिए विस्तारित अधिकार और सुरक्षा शामिल हैं। इनमें रात की पाली में काम, 40 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों के लिए मुफ्त सालाना स्वास्थ्य जांच, पूरे भारत में ESIC कवरेज और एकल पंजीकरण, लाइसेंस प्रणाली शामिल हैं। सरकार अब डिटेल्ड नियम और योजनाएं बनाने के लिए परामर्श शुरू करेगी। इस बीच जहां जरूरी होगा, मौजूदा श्रम कानूनों के प्रावधान लागू रहेंगे।

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