Income tax notice: 8 तरह के नोटिस भेज सकता है टैक्स विभाग, जानिए आप कैसे दे सकते हैं उनका जवाब

Income tax notice: इनकम टैक्स विभाग कई तरह के नोटिस भेजता है- गलत रिपोर्टिंग, रिटर्न मिसमैच, पेंडिंग टैक्स या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की वजह से। हर नोटिस का मकसद अलग होता है। इसे समय पर समझना, डॉक्यूमेंट जुटाना और पोर्टल पर जवाब देना बेहद जरूरी है। जानिए डिटेल।

अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 11:22 PM
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इनकम टैक्स नोटिस टैक्स विभाग की ओर से भेजी गई एक आधिकारिक सूचना होती है।

Income tax notice: इनकम टैक्स नोटिस मिलना हमेशा घबराने वाली बात नहीं होती। कई बार यह सिर्फ आपकी टैक्स रिटर्न से जुड़ी कुछ अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण मांगने के लिए भेजा जाता है। नोटिस आने की आम वजहों में गलत आय दिखाना, टैक्स-सेविंग निवेश को न जोड़ना या टैक्स बेनिफिट में गलती करना शामिल है।

अगर आप अलग-अलग तरह के टैक्स नोटिस के बारे में जानते हैं, तो आप आसानी से कंप्लायंस में रह पाएंगे और फालतू की पेनल्टी से भी बच जाएंगे।

Income Tax Notice क्या होता है?


इनकम टैक्स नोटिस टैक्स विभाग की ओर से भेजी गई एक आधिकारिक सूचना होती है। इसमें आपकी रिटर्न में किसी गड़बड़ी, अधूरी जानकारी, लंबित फाइलिंग, या अनरिपोर्टेड इनकम जैसी बातों की ओर ध्यान दिलाया जाता है। यह नोटिस आपको तब भी मिल सकता है जब आपने रिटर्न भरा हो और तब भी जब न भरा हो।

ये नोटिस इनकम टैक्स एक्ट की अलग-अलग धाराओं के तहत जारी किए जाते हैं, और समय पर कार्रवाई करना जरूरी होता है ताकि पेनल्टी या कानूनी दिक्कतें न हों। नोटिस आने की वजहें कई हो सकती हैं- रिटर्न न भरना, आय में मिसमैच, क्लेम की जांच, या पेंडिंग टैक्स जिसकी मांग विभाग करता है। इसलिए समय पर जवाब देना बेहद जरूरी है।

इनकम टैक्स नोटिस/इंटिमेशन के प्रकार

1. धारा 142(1) का Intimation

यह नोटिस तब भेजा जाता है जब टैक्स ऑफिसर को आपकी रिटर्न में दिए दावों को सपोर्ट करने के लिए और जानकारी या डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं। यह दो स्थितियों में आता है।

  • आपने रिटर्न भरा है लेकिन और जानकारी चाहिए।
  • आपने रिटर्न नहीं भरा और आपको इसे फाइल करने के लिए कहा जाता है।

2. धारा 133(6) का Notice

इस नोटिस का मकसद आपसे स्पष्टीकरण या डॉक्यूमेंट मांगना होता है। ऐसी स्थितियां हो सकती हैं-

  • आपकी इनकम बेसिक एक्सेम्प्शन लिमिट से ज्यादा है, फिर भी आपने ITR नहीं भरा।
  • ITR में इनकम सही तरीके से रिपोर्ट नहीं हुई।
  • आपकी घोषित आय के मुकाबले खर्च काफी ज्यादा दिख रहा है।

3. धारा 143(1) का Intimation

आपका ITR जब CPC द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से प्रोसेस हो जाता है, तब यह भेजा जाता है। इसमें बताया जाता है कि विभाग की इनकम कैलकुलेशन आपकी रिटर्न से मेल खाती है या नहीं। यह सिर्फ एक शुरुआती जांच होती है, जिसे समरी असेसमेंट भी कहा जाता है।

4. धारा 143(2) का Notice

अगर 143(1) के बाद दिया गया आपका जवाब संतोषजनक नहीं है, या आपने जवाब ही नहीं दिया, तो यह नोटिस जारी होता है। इसमें टैक्स डिडक्शन, छूट, मुनाफे और अन्य जानकारी के बारे में डिटेल मांगी जा सकती है ताकि अधिकारी पूरी तरह जांच कर सके।

5. धारा 148 का Notice

अगर टैक्स ऑफिसर को लगता है कि आपकी आय का कुछ हिस्सा छूट गया है या आपने गलत जानकारी दी है, तो वह इस धारा के तहत नोटिस भेज सकता है। यह तब भी भेजा जा सकता है जब आपने पहले से रिटर्न फाइल किया हो।

6. धारा 245 का Intimation

अगर किसी साल आपका रिफंड बनता है और किसी दूसरे साल आपका टैक्स बकाया है, तो विभाग आपका रिफंड उस पेंडिंग टैक्स में एडजस्ट कर सकता है। यह नोटिस उसी जानकारी के लिए दिया जाता है।

7. धारा 156 का Notice

असेसमेंट पूरा होने पर अगर टैक्स, ब्याज या पेनल्टी की रकम निकलती है, तो आपको एक डिमांड नोटिस भेजा जाता है।

8. धारा 139(9) का Notice (Defective Return)

अगर आपकी ITR में कोई गलती, कमी या गलत जानकारी मिलती है, तो उसे Defective Return कहा जाता है। विभाग आपको नोटिस भेजकर इसे ठीक करने का मौका देता है ताकि आपकी रिटर्न पूरी तरह सही हो सके।

इनकम टैक्स नोटिस मिलने पर क्या करें?

  • नोटिस किस वजह से भेजा गया है, यह पहले समझें।
  • पोर्टल पर जाकर नोटिस असली है या नहीं, इसकी जांच करें।
  • Form 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश के प्रमाण आदि इकट्ठे करें।
  • साफ और सटीक स्पष्टीकरण लिखें, और जरूरी डॉक्यूमेंट जोड़ें।
  • पोर्टल पर जवाब भेजें और उसकी रसीद/अकनॉलेजमेंट सुरक्षित रखें।
  • पोर्टल और ईमेल दोनों पर आगे की कार्रवाई देखते रहें।

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