Credit Score: अच्छा क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद नहीं मिल रहा लोन? तो जान लें ये अहम कारण और बदलते नियम
Credit Score: अच्छा क्रेडिट स्कोर आपके लोन अप्रूवल की संभावना बढ़ाता है और बैंक से बेहतर ब्याज दर और शर्तें पाने में मदद करता है। हालांकि, सिर्फ स्कोर ही नहीं, बल्कि नौकरी की स्थिरता, नियमित आय, और कर्ज का सही प्रबंधन भी लोन स्वीकृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लोन के लिए आवेदन करते समय अकसर यह समझा जाता है कि अगर आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे ज्यादा है तो लोन मिलना पक्का है, लेकिन असलियत इससे कहीं ज्यादा जटिल है। कई लोग अनुभव करते हैं कि बढ़िया क्रेडिट स्कोर होने के बावजूद उनका लोन या क्रेडिट कार्ड आवेदन खारिज हो जाता है। इसकी वजह सिर्फ स्कोर नहीं, बल्कि बैंक द्वारा जांचे जाने वाले कई अन्य फैक्टर्स हैं जो आपकी आर्थिक स्थिति और स्थिरता को दर्शाते हैं।
क्रेडिट स्कोर का मतलब और उसकी सीमाएं
क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय प्रोफाइल का एक हिस्सा है यह बताता है कि आपने पहले लिए गए कर्ज या क्रेडिट कार्ड्स का भुगतान किस तरह किया है। लेकिन अब सरकार के नए नियमों के मुताबिक, सिर्फ क्रेडिट स्कोर के आधार पर लोन आवेदन ठुकराना सही नहीं माना जाता, खासकर पहली बार लोन लेने वालों के लिए। आरबीआई ने इस मामले में फ्लेक्सिबिलिटी दी है और बैंकों को ग्राहक की पूरी वित्तीय स्थिति जांचने की सलाह दी है।
लोन अप्रूवल में किन बातों का रोल है?
- जॉब स्टेबिलिटी और इनकम: बैंक यह देखना चाहते हैं कि आपकी नौकरी और इनकम कितनी स्थिर है। आपकी नौकरी में बार-बार बदलाव, प्रोबेशन पीरियड या लंबे गेप नौकरी में परेशानी का कारण बन सकते हैं। दो-तीन साल एक ही क्षेत्र में काम करना और किसी बड़े ब्रांड के साथ जुड़े रहना आपको फायदे में रखता है।
- मौजूदा कर्ज का भार: EMI, क्रेडिट कार्ड बिल जैसी डेब्ट आपकी इनकम के 40-50% से ज्यादा न हों, यह जरूरी है। ज्यादा लोन लेना संभावनाओं को कम कर देता है। इसलिए आवेदन से पहले पुराने छोटे लोन निपटाएं और क्रेडिट कार्ड का बकाया कम करें।
- एक ही समय में कई आवेदन: बार-बार लोन या कार्ड के लिए आवेदन करना आपके क्रेडिट प्रोफाइल में 'हार्ड इनक्वायरी' के रूप में दिखता है। इससे बैंक को लगता है कि आपको पैसों की सख्त जरूरत है, और वे आवेदन अस्वीकार कर सकते हैं।
- पिछला रिकॉर्ड उसी बैंक में: पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड पर डिफॉल्ट या सेटलमेंट भी आपके आवेदन के खिलाफ काम कर सकते हैं, भले ही आपका क्रेडिट स्कोर ठीक हो। बैंक अपनी आंतरिक हिस्ट्री चेक करते हैं।
नए नियम और पैटर्न का बदलाव
हाल में सरकार ने संसद में स्पष्ट किया है कि न्यूनतम सिबिल स्कोर अब पहली बार लोन लेने वालों के लिए जरूरी नहीं है। इसका मतलब है कि अब बैंक सिर्फ स्कोर के आधार पर आवेदन रिजेक्ट नहीं कर सकते। उन्हें पूरे आर्थिक इतिहास, नौकरी की मजबूती, आय की नियमितता और देनदारियों का बैलेंस देखकर ही फैसला लेना होगा।
लोन अप्रूवल बढ़ाने के उपाय
- एक ही नौकरी में लंबे समय तक टिके रहें।
- अपनी कुल देनदारियां कम रखें।
- बार-बार नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन न करें।
- जिस बैंक से लोन लेना चाह रहे हैं, वहां का पिछला रिकॉर्ड सुधारें।
- समय पर EMI और बिल भरें, ताकि भविष्य में स्कोर अच्छा बना रहे।
क्रेडिट स्कोर सिर्फ आपका गेट पास है, असली मंजूरी हासिल करने के लिए आपकी पूरी आर्थिक लाइफस्टाइल, जिम्मेदारियां, और पुराने व्यवहार मायने रखते हैं। बैंकों को अब ग्राहक की पूरी स्थिति सही से जांचनी होगी स्कोर के नंबर से आगे जाकर उनकी फाइनेंशियल मजबूती, जिम्मेदारियों का बैलेंस और नौकरी की स्थिरता को परखना होगा।