Car Loan EMI: 2025 में सस्ता हुआ कार खरीदना, इन दो फैक्टर का दिखा असर; समझिए पूरा हिसाब
Car Loan EMI: 2025 में कार खरीदना काफी सस्ता हो गया। RBI की बड़ी रेपो रेट कट से EMI घटी है और सितंबर में GST कम होने से कार की कीमत भी नीचे आई है। समझिए दोनों फैक्टर मिलकर आपकी जेब पर कितना असर डालते हैं।
रेपो रेट कई साल के निचले स्तर पर है, इसलिए नए कार लोन पहले से काफी सस्ते मिल रहे हैं।
Car Loan EMI: देश में लाखों लोग अपनी सपनों की गाड़ी खरीदने के लिए कार लोन लेते हैं। इन लोन पर लगने वाला ब्याज देश की आर्थिक स्थिति और RBI की ब्याज दर नीति के साथ बदलता रहता है। 2019 के बाद ज्यादातर फ्लोटिंग-रेट रिटेल लोन सीधे बाहरी बेंचमार्क यानी EBLR से जुड़े हैं।
इसी कारण 2025 में रेपो रेट घटते ही कार लोन की EMI भी तेजी से कम होने लगी। साथ ही, सरकार ने सितंबर 2025 में जीएसटी दर में भी बदलाव किया। इसके चलते भी कार लेना काफी सस्ता हो गया।
2025 में RBI ने कैसे घटाई रेपो रेट?
RBI ने 2025 में कुल 1.25 प्रतिशत की कटौती की। फरवरी में पहली 25 बेसिस प्वाइंट कटौती की गई और रेपो रेट 6.25 प्रतिशत पर आया। अप्रैल में एक और 25 bps कटौती से यह 6 प्रतिशत पर पहुंचा। जून में RBI ने बड़ा कदम उठाते हुए 50 bps की कटौती की और दर 5.5 प्रतिशत हो गई।
अगस्त और अक्टूबर में दरें स्थिर रहीं, लेकिन दिसंबर में 25 bps घटाकर रेपो रेट 5.25 प्रतिशत कर दिया गया। यह कई साल में सबसे कम ब्याज दर है।
कार लोन की ब्याज दर कब और कैसे घटी?
रेपो रेट कटौती शुरू होते ही बैंकों ने EBLR और MCLR दोनों को एडजस्ट करना शुरू कर दिया। जून के बाद लगभग सभी बड़े बैंक ने कार लोन सहित अपने रिटेल लोन की ब्याज दरें कम कर दीं। जैसे कि SBI, HDFC Bank, ICICI Bank और Bank of Baroda आदि।
साल के अंत तक प्रतिस्पर्धा बढ़ गई और कई बैंकों ने लगातार तीसरी-चौथी बार दरों में कमी की। SBI और इंडियन ओवरसीज बैंक ने 15 दिसंबर से अपने लेंडिंग रेट 25 bps घटाकर एक और राहत दे दी।
EMI में कितनी बचत होती है?
अगर किसी ने 2025 की शुरुआत में 9.50 प्रतिशत ब्याज पर कार लोन लिया था और अब बाजार में दरें 8.25 प्रतिशत तक नीचे आ गई हैं, तो EMI में साफ फर्क दिखता है। नई दरों पर EMI हर महीने कम हो जाती है और पूरे साल में यह बचत हजारों रुपये तक पहुंच जाती है। लंबी अवधि वाले लोन में कुल बचत 50,000 रुपये से भी ज्यादा हो सकती है, जिससे उधार लेने की कुल लागत काफी घट जाती है।
यह फर्क नीचे टेबल में साफ तौर पर दिखता है। इसमें 5 साल के कार लोन की अवधि के हिसाब से कैलकुलेशन किया गया है।
लोन अमाउंट
EMI @ 9.50%
EMI @ 8.25%
मासिक बचत
सालाना बचत
₹5 लाख
₹10,497
₹10,207
₹290
₹3,480
₹10 लाख
₹20,994
₹20,414
₹580
₹6,960
₹15 लाख
₹31,491
₹30,621
₹870
₹10,440
EBLR और MCLR कैसे काम करते हैं?
EBLR-लिंक्ड लोन सीधे रेपो रेट पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर ब्याज दर का फॉर्मूला EBLR + 2.25% है और रेपो रेट 5.25% है, तो आपका लोन 7.5% पर मिलेगा। इसलिए EBLR-लिंक्ड कार लोन में कटौती का असर सबसे तेज दिखाई देता है।
दूसरी तरफ, MCLR बैंक की फंडिंग और ऑपरेटिंग कॉस्ट पर आधारित होता है। रेपो रेट घटने पर फंडिंग कॉस्ट कम होती है और बैंक MCLR घटाते हैं। लेकिन EMI में कटौती तभी दिखती है, जब आपका रीसेट पीरियड पूरा होता है। यह आमतौर पर 1 से 3 महीने का रहता है।
GST रेट घटने से भी मिली बड़ी राहत
सरकारी GST सुधार के तहत 22 सितंबर 2025 से लागू नई दरें आईं, जिसमें टैक्स स्लैब आसान और कुछ वस्तुओं पर कम किया गया। सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ कि छोटी और एंट्री-लेवल कारों पर GST दर को पहले वाले लगभग 28% (GST + सेस) से घटाकर अब 18% कर दिया गया। इससे कई कार मॉडल्स की एक्स-शोरूम कीमतें घटीं क्योंकि टैक्स का बोझ सीधा कम हुआ।
उदाहरण के तौर पर, किसी छोटी या एंट्री-लेवल कार की एक्स शोरूम कीमत पहले करीब 10 लाख रुपये थी। इसमें लगभग 28 प्रतिशत GST और सेस शामिल था, तो टैक्स घटकर 18 प्रतिशत होने के बाद उसी कार की कीमत करीब 8.9 से 9 लाख रुपये के आसपास आ सकती है। यानी सीधे तौर पर करीब 1 से 1.1 लाख रुपये तक की कीमत में कटौती संभव है।
क्या इस समय कार लोन लेना फायदेमंद है?
रेपो रेट कई साल के निचले स्तर पर है, इसलिए नए कार लोन पहले से काफी सस्ते मिल रहे हैं। हालांकि, फिक्स्ड-रेट लोन को तुरंत फायदा नहीं मिलता, जब तक कि वे रीसेट या रीफाइनेंस न किए जाएं। साथ ही, कारों पर जीएसटी रेट घटने से भी ग्राहकों को काफी फायदा हो रहा है।
ऐसे में जो लोग नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं, उनके लिए यह समय कम ब्याज दरों का फायदा उठाने का बेहतरीन मौका है। क्योंकि रेट कट के साथ कम जीएसटी दरों का भी फायदा मिल रहा है। लेकिन, लोन फाइनल करने से पहले अलग-अलग बैंकों की दरों और शर्तों की तुलना जरूर करनी चाहिए।