क्या आपने राजनीतिक चंदे के लिए टैक्स छूट क्लेम किया है?
क्या आपने राजनीतिक चंदे के लिए टैक्स छूट क्लेम किया है?
अगर किसी शख्स ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में किसी राजनीतिक पार्टी के लिए चंदा देकर छूट क्लेम किया है, तो टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे करदाताओं को चेतावनी जारी की है। ऐसे करदाता जिन्होंने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80जीजीसी के तहत राजनीतिक चंदे के लिए छूट क्लेम किया है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन्हें वेरिफिकेशन मैसेज भेजना शुरू किया है। इसका कैंपेन का मकसद टैक्सपेयर्स के फर्जी दावों पर लगाम कसना है। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग को यह आशंका है कि कुछ टैक्सपेयर्स फर्जी चंदा दिखाकर टैक्स बचाने की कोशिश कर सकते हैं।
क्या है इनकम टैक्स ऐक्ट का सेक्शन 80GGC और कैसे होता है इसका दुरुपयोग?
इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80GGC टैक्सपेयर्स को राजनीतिक पार्टियों के लिए दिए गए चंदे पर 100 पर्सेंट छूट की अनुमति देता है। हालांकि, यह चंदा चेक, बैंक, ट्रांसफर या डिजिटल पेमेंट के जरिये दिया चाहिए। कैश के रूप में दिए गए चंदे पर छूट क्लेम नहीं किया जा सकता। दरअसल, कई ऐसे लोग हैं, जो वास्तव में राजनीतिक पार्टियों को चंदा देकर उनका समर्थन करते हैं। हालांकि, कई ऐसे भी टैक्यपेयर्स होते हैं, जो किसी राजनीतिक पार्टी को चंदा नहीं देते हैं, बल्कि सिर्फ रिटर्न में फर्जी तरीके से इसका जिक्र कर देते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पिछले कुछ साल से इस तरह की गतिविधियों पर सख्त निगाह रख रहा है। मिसाल के तौर पर 2024 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा है, जिन्होंने गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया है।
हम आपको यहां बता रहे हैं यह टैक्स सेविंग घोटाला ITR में कैसे काम करता है?
-किसी टैक्सपेयर ने किसी राजनीतिक पार्टी को 5 लाख रुपये देने का फर्जी दावा किया।
-अगर वह शख्स 30 पर्सेंट के टैक्स के दायरे में है, तो इसके जरिये वह 1.5 लाख रुपये का टैक्स बचाने में सफल होगा।
-वास्तव में इसका भुगतान कभी नहीं किया गया और न ही रकम कैश में लौटाई गई।
अब टैक्स विभाग ने इन गड़बड़ियों को रोकने के लिए वेरिफिकेशन के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
अगर आपको वेरिफिकेशन मैसेज मिला है, तो क्या करें
इस तरह का छूट क्लेम करने वालों से इनकम टैक्स विभाग दो स्पष्ट अपेक्षाएं हैं:
- अगर क्लेम खारिज किया गया है, तो टैक्सपेयर को चंदे के जुड़े ठोस दस्तावेज पेश करने चाहिए।
- अगर क्लेम गलत है, तो टैक्सपेयर गलती को सुधारने के लिए एसेसमेंट ईयर के दो साल के भीतर ब्याज समेत बकाया टैक्स का भुगतान करने के लिए अपडेटेड रिटर्न भर सकता है।
अगर फर्जी क्लेम के मामले में टैक्सपेयर अपडेटेड रिटर्न नहीं भरता है, तो टैक्सपेयर्स को टैक्स राशि का 200 पर्सेंट जुर्माने के तौर पर भरना होगा और बाकी कार्रवाई भी की जा सकती है।
राजनीतिक पार्टियां की तरफ से सूचना नहीं मिलना, एक गड़बड़ी?
फिलहाल, इनकम टैक्स एक्ट के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने वालों का ब्यौरा अपलोड करना चाहिए। राजनीतिक पार्टियों के लिए बड़ा चंदों के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देना जरूरी है, लेकिन इस लेवल पर कंप्लायंस से जुड़े प्रावधानों को लेकर स्पष्टता नहीं है।
इनकम टैक्स नियमों का पालन करें
जिन लोगों ने वास्तव में बैंकिंग चैनलों के जरिये चंदा दिया है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि, अगर छूट गलत तरीके से क्लेम किया गया है, तो टैक्स विभाग की कार्रवाई से पहले इसे खुद से दुरुस्त करना बेहतर विकल्प है, ताकि टैक्सपेयर भारी-भरकम पेनाल्टी से बच सकें। इस मामले में बेहतर सलाह के लिए टैक्सपेयर्स अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट से संपर्क कर सकते हैं।
किसी भी तरह की गलत छूट क्लेम करने से पहले टैक्सपेयर्स को यह याद रखना चाहिए कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस तरह की गतिविधियों पर सख्त नजर बनाए हुए हैं और राजनीतिक चंदे के जरिये फर्जी छूट का दावा करने के दिन लद चुके हैं।
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