1 जुलाई से सरकारी कर्मचारियों को मिलेंगी 450 छुट्टियां! मोदी सरकार जल्द करेगी ऐलान

मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को लागू करती है तो कर्मचारियों को 300 की जगह 450 अर्जित छुट्टियां (Earned Leave) मिल सकती है

अपडेटेड Jun 25, 2022 पर 6:40 PM
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रिटयरमेंट के समय कर्मचारियों को अर्जित छुट्टी के बदले बेसिक सैलरी मिलती है।

Labour Code: मोदी सरकार 1 जुलाई से लेबर कोड के नियम लाग कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 जुलाई से सरकरी कर्मचारियों को अर्जित छुट्टियों (Earned Leaves) पर बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। मोदी सरकार लेबर कोड के नियमों को लागू करती है तो कर्मचारियों को 300 की जगह 450 अर्जित छुट्टियां (Earned Leave) मिल सकती है।

क्या होती है अर्जित छुट्टियां

रिटयरमेंट के समय कर्मचारियों को अर्जित छुट्टी के बदले बेसिक सैलरी मिलती है। कई लेबर यूनियन इन्हीं छुट्टियों को बढ़ाकर 450 करने की मांग कर रही है। हालांकि, इस पर कोई फैसला अभी नहीं हुआ है। कर्मचारी इन छुट्टियों के बदले सैलरी 20 साल की नौकरी या सर्विस के बाद ले सकते हैं।


बढ़ जाएगी छुट्टियां

अभी सरकारी कर्मचारियों को एक साल में 30 अर्जित छुट्टियां (Earned Leave) मिलती है। डिफेंस में यही छुट्टी 60 दिन की होती है। जब आप साल भर की सरकार की तरफ से दी जाने वाली तय छुट्टी नहीं लेते, तो वह अगले साल जुड़ जाती है यानी कैरी फॉरवर्ड हो जाती है। यही अर्जित छुट्टियां 300 तक कर सकते हैं। हालांकि, ये छुट्टी अलग-अलग विभागों के मुताबिक 240 से 300 के बीच मिलती है।

 

मिल सकती हैं 450 छुट्टियां

लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच काम के घंटे, सालाना छुट्टियों, पेंशन, पीएफ, टेक होम सैलरी, रिटायरमेंट आदि को लेकर चर्चा हुई थी, जिसमें कर्मचारियों की अर्जित छुट्टियां बढ़ाकर 300 से 450 किये जानें की मांग की गई है।

2 राज्यों ने बनाए नियम

चारों लेबर कोड नियमों के लागू होने से देश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के मौके बढ़ेंगे। लेबर कानून देश के सविंधान का अहम हिस्सा है। अभी तक 23 राज्यों ने लेबर कोड नियम के रूल्स बना लिए हैं।

क्या है लेबर कोड के नियम – 4 कोड में बंटा है कानून

भारत में 29 सेंट्रल लेबर कानून को 4 कोड में बांटा गया है। कोड के नियमों में वेतन, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध (Industrial Relations) और व्यवसाय सुरक्षा (Occupation Safety) और स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति आदि जैसे 4 लेबर कोड शामिल है। अभी तक 23 राज्यों ने इन ड्राफ्ट कानूनों को तैयार कर लिया है। संसद द्वारा इन चार संहिताओं को पारित किया जा चुका है,

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