ITR फाइलिंग के बाद उसका ई-वेरीफिकेशन कराना अनिवार्य है। अगर आप अपना ई-वेरिफिकेशन नहीं कराते हैं तो आपका आईटीआर अधूरा माना जाता है और आपका आईटीआर इनकंपलीट रहेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स से ई-फाइलिंग प्रोसेस को तुरंत ही पूरा करने के लिए कहा है। कर विभाग ने कहा कि ऐसा ना करने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। बता दें कि इनकम टैक्स फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई 2023 तक ही थी। हालांकि अभी भी आप 31 दिसंबर 2023 तक जुर्माने के साथ लेट आईटीआर फाइल कर सकते हैं।
इनकम टैक्स विभाग ने करदाताओं से आग्राह करते हुए कहा कि प्रिय करदाताओं, आज ही ई-फाइलिंग प्रक्रिया पूरी करें! कृपया रिटर्न के ई-सत्यापन के तरीके नीचे देखें। अपने आईटीआर को दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सत्यापित करना याद रखें। विलंबित सत्यापन से आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार विलंब शुल्क लगाया जा सकता है। देरी न करें, आज ही अपना आईटीआर सत्यापित करें।
ई-वेरिफिकेशन क्यों जरूरी है
आईटीआर को वैध मानने के लिए उसका ई-सत्यापन अनिवार्य है। अगस्त 2023 से प्रभावी, आयकर विभाग ने कर दाखिल करने वालों के लिए रिटर्न दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर अपने रिटर्न को ई-सत्यापित करना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में आइये यह भी जान लेते हैं कि ई-वेरिफिकेशन का पूरा प्रोसेस क्या है।
ऐसे कर सकते हैं ITR का ई-वेरीफिकेशन
ITR का ई-वेरीफिकेशन करने के लिए सबसे पहले आपको इसके ई-फाइलिंग पोर्टल के 'ई-वेरिफाई रिटर्न' पर क्लिक करना होगा। आपको अपना पैन, मूल्यांकन वर्ष जिसके लिए सत्यापन किया जा रहा है (2023-24), और एकनॉलेजमेंट नंबर दर्ज करना होगा। इसके अलावा आप ऑप्शनल तौर पर अपने पैन और पासवर्ड के जरिए भी लॉग इन कर सकते हैं। इसके बाद आपको माइ अकाउंट पर जाकर ई-वेरिफाई रिटर्न पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जहां पर आपको वह फाइल दिखेगी जिसके लिए वेरिफिकेशन किया जाना है। इसके बाद आप आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए अपना वेरिफिकेसन पूरा कर सकते हैं।