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गाड़ी चलाना और खाना पकाना हो सकता है सस्ता, सरकार ने 2 साल बाद घटाई नेचुरल गैस की कीमत

Natural Gas Price: अप्रैल 2023 के फैसले के बाद, APM गैस की कीमतों को मंथली बेसिस पर रिवाइज किया जाता है। अप्रैल 2023 से पहले एडमिनिस्टर्ड प्राइस मैकेनिज्म व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत 4 गैस ट्रेडिंग हब पर औसत अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बेंचमार्क के आधार पर छमाही आधार पर तय की जाती थी

अपडेटेड Jun 01, 2025 पर 3:31 PM
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अप्रैल, 2023 में सरकार की ओर से इस तरह की गैस की कीमत के लिए एक नया फॉर्मूला लागू करने के बाद से यह पहली कटौती है।

सरकार ने CNG और रसोई के लिए PNG के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत में 2 साल में पहली बार कटौती की है। यह बेंचमार्क दरों में गिरावट को दर्शाता है। पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग और एनालिसिस सेल (PPAC) के एक नोटिफिकेशन के अनुसार, नीलामी के बिना सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ONGC को एलोकेट लीगेसी फील्ड्स या पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस की कीमत 6.75 डॉलर से घटाकर 6.41 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (mmBtu) कर दी गई है।

अप्रैल, 2023 में सरकार की ओर से इस तरह की गैस की कीमत के लिए एक नया फॉर्मूला लागू करने के बाद से यह पहली कटौती है। इससे इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड, महानगर गैस लिमिटेड और अदाणी-टोटल गैस लिमिटेड जैसे शहरी गैस रिटेलर्स को मदद मिलेगी। ये उत्पादन लागत में बढ़ोतरी से दबाव में थे।

APM गैस वह गैस है, जो सरकारी ऑयल कंपनियों कंपनियों ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा उन क्षेत्रों से उत्पादित की जाती है ,जो उन्हें नॉमिनेशन के बेसिस पर दिए गए थे। यह गैस वह इनपुट है, जिसका इस्तेमाल घरेलू रसोई में पाइप के माध्यम से पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस यानि कि PNG बनाने, ऑटोमोबाइल के लिए CNG बनाने, फर्टिलाइजर्स बनाने और बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है।


क्या है नया फॉर्मूला

अप्रैल 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को मंजूर किया था, जिसमें APM गैस कही जाने वाली 'पुराने क्षेत्रों से प्राप्त गैस' की कीमत मंथली बेसिस पर कच्चे तेल के मथली एवरेज इंपोर्ट प्राइस के 10 प्रतिशत पर तय करने की बात कही गई थी। इसमें मिनिमम 4 डॉलर और मैक्सिमम 6.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट की सीमा (कैप) तय की गई थी। मैक्सिमम प्राइस 2 साल तक जस का तस रहना था और उसके बाद हर साल 0.25 डॉलर की दर से बढ़ना था। इसके अनुरूप, अप्रैल में मैक्सिमम प्राइस बढ़कर 6.75 डॉलर प्रति mmBtu हो गया।

पहले दो साल में इस फॉर्मूले का इस्तेमाल करने वाली गैस की कीमत 7.29 डॉलर प्रति mmBtu से लेकर 9.12 डॉलर प्रति mmBtu के बीच थी। लेकिन कैप ने यह सुनिश्चित किया कि दर 6.50 डॉलर प्रति mmBtu पर रहे। अप्रैल में इस फॉर्मूले के अनुसार कीमत 7.26 डॉलर प्रति mmBtu हो गई, लेकिन फाइनल रेट कैप के अनुरूप 6.75 डॉलर थी। मई में कीमत 6.93 डॉलर हो गई, लेकिन उपभोक्ताओं के लिए इसे 6.75 डॉलर तक सीमित कर दिया गया।

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अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट

अनिश्चित डिमांड आउटलुक के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में गिरावट के कारण मई में भारत के कच्चे तेल के आयात की एवरेज वैल्यू लगभग 64 डॉलर रही। PPAC के अनुसार, इसे बेंचमार्क के रूप में इस्तेमाल करते हुए ग्रॉस कैलोरीफिक वैल्यू (GCV) के आधार पर APM गैस की कीमत 6.41 डॉलर प्रति mmBtu हो गई। PPAC ने कहा, "ONGC/ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा अपने नॉमिनेशन फील्ड्स से उत्पादित गैस के लिए, 1 जून, 2025 से 30 जून, 2025 की अवधि के लिए APM प्राइस भी GCV बेसिस पर 6.41 डॉलर प्रति mmBtu होगा।" बेंचमार्क में गिरावट का मतलब यह भी है कि APM फील्ड्स में नए कुओं से ONGC द्वारा उत्पादित गैस की कीमत में भी कमी आएगी।

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