कर्नाटक में दूध की कीमतें बढ़ सकती है। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) ने दूध की कीमत को 5 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे सरकार की मंजूरी का इंतजार है। अगर इस प्रस्ताव पर सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो नई कीमतें 7 मार्च से लागू हो सकती हैं। इससे चाय, कॉफी, दही और दूसरे डेयरी उत्पाद भी महंगे हो सकते हैं।
अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो नंदिनी टोन्ड दूध की एक लीटर कीमत 44 रुपये से बढ़कर 47 रुपये हो जाएगी, जो पिछले तीन वर्षों में केएमएफ द्वारा की गई सबसे बड़ी मूल्य वृद्धि होगी।
दाम बढ़ने के साथ प्रति पैकेट दूध की मात्रा मौजूदा 1,050 मिलीलीटर से घटकर 1,000 मिलीलीटर हो जाएगी, जिससे पिछले साल जोड़ी गई अतिरिक्त 50 मिलीलीटर समाप्त हो जाएगी। केएमएफ ने साल 2022 में दूध की कीमत 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई थी। इसके बाद 2024 में प्रति पैकेट 2 रुपये बढ़ाए गए, लेकिन इसके साथ ही 50 मिलीलीटर दूध अतिरिक्त दिया गया। उस समय केएमएफ ने कहा था कि ज्यादा मात्रा मिलने से असल में कोई कीमत नहीं बढ़ी है। लेकिन अब नए प्रस्ताव के तहत पैकेट में फिर से सिर्फ 1 लीटर दूध मिलेगा, जिससे प्रति लीटर की असली कीमत और बढ़ जाएगी।
दूध की यह कीमत बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब कर्नाटक में जरूरी चीजों और सेवाओं के दाम पहले ही बढ़ रहे हैं। कॉफी ब्रुअर्स एसोसिएशन ने भी मार्च तक कॉफी पाउडर की कीमत 200 रुपये प्रति किलो बढ़ाने की घोषणा कर दी है। सार्वजनिक परिवहन भी महंगा हो गया है, बीएमटीसी बसों और नम्मा मेट्रो के किराए बढ़ गए हैं। इसके अलावा, सरकार पानी के बिल बढ़ाने पर विचार कर रही है, जबकि बिजली कंपनियों ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 67 पैसे प्रति यूनिट बिजली दर बढ़ाने की मंजूरी मांगी है।