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Corporate NPS: कॉर्पोरेट एनपीएस में कंट्रिब्यूशन से आप बचा सकते हैं काफी टैक्स, जानिए कैसे

नई रीजीम में एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में एंप्लॉयर के 14 फीसदी (बेसिक पे और डियरनेस अलाउन्स) तक कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन मिलता है। पुरानी रीजीम में इसकी लिमिट 10 फीसदी है। हालांकि, सरकारी एंप्लॉयीज के मामले में पहले से 14 फीसदी तक के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन मिलता है

अपडेटेड May 23, 2025 पर 5:31 PM
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प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाला कोई व्यक्ति NPS और EPF दोनों में कंट्रिब्यूट कर सकता है।

यूनियन बजट 2025 में सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम का अटैक्शन बढ़ाने के लिए कई बड़े ऐलान किए थे। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि इससे कॉर्पोरेट एनपीएस में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। नई रीजीम में टैक्सपेयर्स को कुछ ही डिडक्शन मिलता है। इनमें कॉर्पोरेट एनपीएस पर मिलने वाला डिडक्शन शामिल है। अब इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सीसीडी (2) के तहत एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर नई और पुरानी दोनों रीजीम में डिडक्शन मिलने लगा है। लेकिन, इस मामले में नई रीजीम और पुरानी रीजीम में एक बड़ा फर्क है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

नई रीजीम में कॉर्पोरेट एनपीएस में ज्यादा डिडक्शन

नई रीजीम में एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में एंप्लॉयर के 14 फीसदी (बेसिक पे और डियरनेस अलाउन्स) तक कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन मिलता है। पुरानी रीजीम में इसकी लिमिट 10 फीसदी है। हालांकि, सरकारी एंप्लॉयीज के मामले में पहले से 14 फीसदी तक के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन मिलता है। नई रीजीम में 14 फीसदी तक एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन का फैसला यूनियन बजट 2024 में लिया गया था। इसका मतलब है कि नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स अब एनपीएस में मिलने वाले इस डिडक्शन का फायदा उठा सकते हैं।


नई रीजीम में अतिरिक्त 50,000 का डिडक्शन नहीं

नई रीजीम में अगर एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में 14 फीसदी (ओल्ड रीजीम में 10 फीसदी) तक कंट्रिब्यूशन (बेसिक सैलरी प्लस डीए) होता है तो वह सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन का हकदार होगा। इसके लिए सेक्शन 80सी के तहत पहले से तय 1.5 लाख रुपये की लिमिट लागू होगी। ओल्ड रीजीम में सेक्शन सीसीडी (1बी) के तहत एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर अतिरिक्त 50,000 रुपये का डिडक्शन मिलता है। यह अतिरिक्त डिडक्शन नई रीजीम में टैक्सपेयर्स को नहीं मिलता है। नई रीजीम में सिर्फ एंप्लॉयी के एनपीएस अकाउंट में एंप्लॉयर के 14 फीसदी तक कंट्रिब्यूशन (बेसिक प्लस डीए) पर डिडक्शन मिलता है।

नई रीजीम में ऐसे हो सकती है ज्यादा टैक्स-सेविंग्स

नई रीजीम में सरकार ने भले ही एनपीएस में एंप्लॉयर के कंट्रिब्यूशन पर डिडक्शन बढ़ाकर 14 फीसदी तक कर दिया है, लेकिन इस बारे में एंप्लॉयीज जानकारी की कमी की वजह से दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं। हकीकत यह है कि अगर नई रीजीम में एंप्लॉयीज एनपीएस के इस डिडक्शन में दिलचस्पी दिखाते हैं तो उनकी काफी टैक्स-सेविंग्स हो जाएगी। टैक्समैंस के कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर एंप्लॉयी कॉर्पोरेट एनपीएस का इस्तेमाल करता है तो नई रीजीम में उसकी 13.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम टैक्स-फ्री हो जाएगी।

प्राइवेट सेक्टर के एंप्लॉयी NPS और ईपीएफ में एक साथ कर सकते हैं निवेश

रेजिडेंट इंडियंस, NRI और ओवरसीज सिटिजंस ऑफ इंडिया (OCI) कॉर्पोरेट एनपीएस का फायदा उठा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने एंप्लॉयर को अपने एनपीएस अकाउंट में कंट्रिब्यूट करने के लिए तैयार करना होगा। अगर आप पहले से NPS में निवेश करते हैं तो आप अपने एंप्लॉयर को पर्मानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) दे सकते हैं। उसे एनपीएस अकाउंट में कंट्रिब्यूट करने के लिए तैयार कर सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाला कोई व्यक्ति NPS और EPF दोनों में कंट्रिब्यूट कर सकता है।

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