कई बार अच्छे क्रेडिट स्कोर के बावूजद क्रेडिट कार्ड का अप्लिकेशन रिजेक्ट हो जाता है। इसकी वजह अप्लिकेंट को समझ में नहीं आती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अच्छा क्रेडिट स्कोर क्रेडिट कार्ड अप्लिकेशन एप्रूवल में मददगार है। लेकिन, बैंक कई दूसरी चीजों पर भी गौर करते हैं। कुछ मामलों में क्रेडिट स्कोर जितना फोकस दूसरी चीजों पर भी होता है।
कार्ड के टारगेट प्रोफाइल से इनकम का मैच नहीं करना
हर कार्ड एक खास इनकम रेंज के लिए होता है। अगर आपकी मंथली या सालाना इनकम उस इनकम रेंज में ही नहीं आती है तो बैंक अप्लिकेशन रिजेक्ट कर देता है। ज्यादा लिमिट और लाइफस्टाइल पर्क्स वाले प्रीमियम कार्ड के लिए अच्छे क्रेडिट स्कोर के साथ ज्यादा इनकम भी जरूरी है।
उपलब्ध क्रेडिट लिमिट के ज्यादा हिस्से का इस्तेमाल करना अच्छा नहीं माना जाता है। क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 30 फीसदी पार करते ही बैंक इससे यह संकेत निकालते हैं कि व्यक्ति वित्तीय दबाव में है। ऐसे में समय पर बिल का पेमेंट करने के बावजूद बैंक की सोच नहीं बदलती है।
बहुत ज्यादा अप्लिकेशंस के नुकसान
छोटी अवधि में कई बार कार्ड्स या लोन के लिए अप्लाई करने से भी क्रेडिट कार्ड के अप्लिकेशन के एप्रूवल पर असर पड़ता है। हर अप्लिकेशन के बाद एक क्रेडिट इनक्वायरी शुरू होती है। कई इनक्वायरी से बैंक यह सोचते हैं कि व्यक्ति को पैसे की तुरंत जरूरत है। इससे अप्लिकेशन रिजेक्ट होने की आशंका बढ़ जाती है।
कई लोगों का स्कोर शानदार होता है, क्योंकि उन्होंने अपने क्रेडिट का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया होता है। अगर आपके पास सिर्फ एक कार्ड है या आपकी हिस्ट्री एक साल या दो साल पुरानी है तो बैंक यह सोच सकते हैं कि आपके रीपेमेंट विहेबियर का अंदाजा लगाने के लिए पर्याप्त डेटा उपलब्ध नहीं हैं।
बैंक के साथ करेंट रिलेशनशिप का नहीं होना
बैंक अपने कस्टमर्स के कार्ड के अप्लिकेशन को एप्रूव करने में दिलचस्पी दिखाते हैं। अगर उस बैंक में आपकी सेविंग या सेलरी अकाउंट नहीं है तो प्रोसेस आम तौर पर थोड़ा जटिल हो जाता है। बैंक से रिलेशनशिप होने पर अप्लिकेशन एप्रूव होने की संभावना बढ़ जाती है।