दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह (Ajay Singh) को धोखाधड़ी के एक मामले में शनिवार को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की। मामले से वाकिफ सूत्रों ने यह जानकारी दी। अजय सिंह के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं करने को लेकर हाल ही में गैर-जमानती वारंट जारी हुआ था, जिसके खिलाफ उन्होंने दिल्ली की साकेत कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
सेशन कोर्ट ने अजय सिंह को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की। हालांकि इसके साथ ही उन्हें 11 मार्च को दिल्ली के संबंधित पुलिस में जाकर जांच में सहयोग करने के लिए भी कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 28 मार्च को होने की उम्मीद है।
अजय सिंह ने इस मामले में जारी एक बयान में कहा, "हमारा मानना है कि यह पूरा मामला दीवानी से जुड़ा है और पुलिस में दी गई शिकायत पूरी तरह से तुच्छ और शरारती है।"
अजय सिंह धोखाधड़ी से जुड़े एक केस का सामना कर रहे हैं, जिसमें वह मुख्य आरोपी हैं। उनके खिलाफ जांच के दौरान पुलिस के समक्ष उपस्थित न होने को लेकर दो गैर-जमानती वारंट जारी हुए थे। अजय सिंह कथित तौर पर करीब चार महीनों तक जांच में शामिल नहीं हुए।
हालांकि अजय सिंह का दावा है कि यह मामला अभी शुरुआती जांच के स्तर पर है और इस मामले में मीडिया के दुरुपयोग के जरिए उनकी छवि खराब करने का ठोस अभियान चलाया जा रहा है। सिंह की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि स्पाइसजेट के प्रमोटर ने अभी तक जांच में सहयोग किया है।
यह मामला 2021 का है, जब दिल्ली के एक बिजनेसमैन संजीव नंदा ने अजय सिंह के खिलाफ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। नंदा का दावा है कि उन्होंने और अजय सिंह ने एक शेयर परचेज एग्रीमेंट किया था, जिसके तहत स्पाइस जेट की कुल 25 लाख पूरी तरह से पेड-अप शेयरों को नंदा परिवार को ट्रांसफर किया जाना था। हालांकि यह शेयर ट्रांसफर नहीं हुए, जिसके बाद नंदा ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।