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डिजिटल अरेस्ट, आधार स्कैम का आप भी हो सकते हैं शिकार, भूलकर भी नहीं करें ये गलतियां

Common Scams in India: डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने के साथ ही साइबर फ्रॉड के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ समय में डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आए हैं। इन मामलों से पता चलता है कि फ्रॉड करने वाले लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं

अपडेटेड Nov 15, 2024 पर 1:19 PM
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Scams in India: किसी अपरिचित ऐप को डाउनलोड करना और सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करना खतरनाक हो सकता है।

इस बार दिवाली पर लोगों ने खूब ऑनलाइन शॉपिंग की। घर बैठे शॉपिंग करने वालों की संख्या काफी ज्यादा रही। साइबर फ्रॉड ऐसे खास मौकों का फायदा उठाते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक, बीते एक साल में साइबर फ्रॉड के 11 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह भी पता चला है कि ऐसे फ्रॉड का शिकार ज्यादा बुजुर्ग लोग हो रहे हैं। ऐसे में हर व्यक्ति को फ्रॉड के तरीकों और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानना जरूरी है।

डिजिटल अरेस्ट

पिछले कुछ समय में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के काफी ज्यादा मामले सामने आए हैं। इनमें फ्रॉड (Cyber Fraud) करने वाले खुद को पुलिस, ईडी, कस्टम ऑफिसर बताते हैं। वे व्यक्ति को फोन कर बताते हैं कि उसकी आईडी का इस्तेमाल क्राइम करने के लिए हुआ है। वे व्यक्ति को इसके अंजाम के बारे में बताते हैं। उसे डराने की कोशिश करते हैं। दबाव में आकर व्यक्ति उनके जाल में फंस जाता है। वह खुद को प्रॉब्लम से निकालने के लिए कीमत चुकाने को तैयार हो जाता है। फिर, फ्रॉड करने वाले उससे धीरे-धीरे खूब पैसे वसूलते हैं।

आधार स्कैम


आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AePS) स्कैम के भी कई मामले सामने आए हैं। इसमें फ्रॉड करने वाले ग्राहक के आधार बामोमीट्रिक डेटा का इस्तेमाल करते हैं। फिर, वे ग्राहक के बैंक अकाउंट से उसकी जानकारी के बगैर पैसे निकाल लेते हैं। उसे इस बारे में जल्द पता नहीं चलता है। जब वह अपना अकाउंट बैलेंस चेक करता है तो पता चलता है। तब तक देर हो चुकी होती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एईपीएस के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है।

इन बातों का रखें ध्यान

आपको अपना आधार बायोमीट्रिक लॉक कर देना चाहिए। इससे आपकी इजाजत के बगैर AePS ट्रांजेक्शन नहीं हो सकेगा। इसके लिए आपको UIDAI वेबसाइट पर मायआधार सेक्शन में जाना होगा। वहां आपको बायोमीट्रिक लॉक और अनलॉक करने के प्रोसेस को फॉलो करना होगा। इससे कोई आपके आधार बायोमीट्रिक का दुरूपयोग नहीं कर सकेगा।

किसी अपरिचित ऐप को डाउनलोड करना और सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करना खतरनाक हो सकता है। फ्रॉड करने वाले कई बार खुद को इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का एंप्लॉयी बताकर फोन करते हैं। फिर वे किसी ऐप को डाउनलोड करने को कहते हैं। उसके जरिए आपके अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं। यह भी याद रखें कि क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत सिर्फ आपको पेमेंट के वक्त करनी पड़ती है। अगर आप किसी से पेमेंट ले रहे हैं तो इसके लिए क्यूआर कोड स्कैन करने की जरूरत नहीं है।

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अगर आपको फोन पर कोई व्यक्ति खुद को सीबीआई, पुलिस, कस्टम डिपार्टमेंट या कुरियर कंपनी का प्रतिनिधि बताता है तो सावधान हो जाए। वह आपको बताएगा कि आपके आधार का इस्तेमाल ड्रग्स भेजने के लिए किया गया है। आप पुलिस के निशाने पर हैं। आपकी गिरफ्तारी हो सकती है। फिर वह आपको मुश्किल से निकालने के लिए पैसे की मांग करेगा। वह आपको डराने की कोशिश करेगा। अगर आप नहीं डरेंगे तो फिर वह फोन करना बंद कर देगा।

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