Diwali Firecracker Delhi: दिल्ली में कब फोड़ सकते हैं पटाखे? कहां से मिलेंगे ग्रीन पटाखे, जानिये पूरी डिटेल

Diwali Firecracker Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली और एनसीआर में लोग इस साल दिवाली के दौरान केवल ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे। अदालत ने कहा कि यह सिर्फ एक अस्थायी राहत (temporary measure) है

अपडेटेड Oct 15, 2025 पर 2:15 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली और एनसीआर में लोग इस साल दिवाली के दौरान केवल ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे। (Image:AI)

Diwali Firecracker Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली और एनसीआर में लोग इस साल दिवाली के दौरान केवल ग्रीन पटाखे फोड़ सकेंगे। अदालत ने कहा कि यह सिर्फ एक अस्थायी राहत (temporary measure) है। एनसीआर के बाहर से किसी भी तरह के पटाखे लाने या बेचने की अनुमति नहीं होगी। यहां जानें कब फोड़ सकते हैं दिवाली में पटाखे, टाइमिंग और कहां मिलेंगे ग्रीन पटाखे?

यह फैसला मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हमें इंडस्ट्री जगत की चिंताओं का ध्यान रखना होगा। पारंपरिक पटाखे अक्सर चोरी-छिपे लाए जाते हैं, जो पर्यावरण को और ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली थी और कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि ऐसे प्रतिबंध अक्सर तोड़े जाते हैं। इसलिए अदालत ने संतुलित तरीका अपनाने की बात कही थी।


अब सवाल – क्या इस दिवाली पटाखे फोड़ सकते हैं?

हां, लेकिन सिर्फ ग्रीन पटाखे ही।

ग्रीन पटाखे क्या होते हैं?

ग्रीन पटाखे पारंपरिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण फैलाते हैं और पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। इन्हें CSIR-NEERI काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-नेशनल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने डेवलप किया है।

इनसे 30-35% तक कम धूलकण (PM10, PM2.5) निकलते हैं और सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें भी कम बनती हैं। इनकी आवाज की लिमिट 125 डेसिबल रखी गई है, जो केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के नियमों के अनुसार है। इनमें बेरियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट, एल्युमिनियम और लिथियम जैसे प्रतिबंधित रसायन नहीं होते। ग्रीन पटाखों की पहचान के लिए इनके पैकेट पर QR कोड और विशेष मार्किंग दी जाती है।

कब फोड़ सकते हैं पटाखे?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखे फोड़ने का समय सीमित रहेगा।

दिवाली से एक दिन पहले: सुबह 6 बजे से 7 बजे तक और रात 8 बजे से 10 बजे तक।

दिवाली के दिन: वही समय लागू रहेगा।

क्या पटाखे ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं?

नहीं। अदालत ने साफ कहा है कि किसी भी ई-कॉमर्स वेबसाइट से पटाखों की बिक्री या डिलीवरी नहीं होगी।

पटाखे कहां से खरीदें?

पटाखे सिर्फ जिला कलेक्टर या पुलिस की अनुमति वाले अधिकृत स्टॉलों से खरीदे जा सकते हैं। सभी जिलों में तय स्थानों की सूची सरकारी स्तर पर जारी की जाएगी और इसका व्यापक प्रचार भी किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी यह राहत?

कोर्ट ने कहा कि जब पूरी तरह से बैन लगाया गया था, तब पटाखों की तस्करी (smuggling) शुरू हो गई, जिससे प्रदूषण और बढ़ गया।

कोर्ट ने यह भी माना कि ग्रीन पटाखे लाने के बाद से पिछले छह सालों में प्रदूषण में कमी आई है।

आखिर पटाखों पर इतना विवाद क्यों?

दिल्ली हर साल सर्दियों में गंभीर वायु प्रदूषण (Severe Air Pollution) का सामना करती है।

ठंडी हवा और धीमी हवाओं की वजह से कण नीचे जम जाते हैं, जिससे सांस की तकलीफ, अस्थमा और हृदय रोग बढ़ जाते हैं। इस दौरान पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलाने से प्रदूषण और भी बढ़ जाता है। हर साल दिवाली के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है, जिससे स्कूल बंद करने और हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या बढ़ने जैसी स्थिति बनती हैं।

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