SIP Date Impact: म्यूचुअल फंड में SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) लंबी अवधि में मोटा रिटर्न देने का सबसे अच्छा जरिया माना जाता है। इसमें हर महीने एक निश्चित रकम निवेश की जाती है। लेकिन, SIP के पैसे कटने की तारीख क्या होनी चाहिए, इसे लेकर निवेशकों के अलग-अलग सोच है।
कई म्युचुअल फंड निवेशक SIP के पैसे कटने की तारीख महीने की शुरुआत में शुरू करना पसंद करते हैं, अमूमन अक्सर सैलरी आने के तुरंत बाद। उन्हें लगता है कि यह अनुशासित और समझदारी भरा तरीका है। इससे SIP के पैसे किसी और काम में खर्च होने का डर नहीं रहता।
लेकिन कुछ निवेशकों का मानना है कि महीने के बीच या अंत में SIP करने पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है। खासकर, अगर उस दिन जब बाजार में उतार-चढ़ाव हो, जैसे कि आखिरी गुरुवार (F&O एक्सपायरी)।
अब सवाल उठता है कि क्या ऐसी धारणाओं के पीछे कोई ठोस डेटा है या फिर ये सिर्फ बाजार की अफवाह है। क्या सच में SIP की तारीख वाकई में रिटर्न पर असर डालती है? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।
क्या SIP तारीख का रिटर्न पर असर पड़ता है?
इसका जवाब है... हां, लेकिन बेहद मामूली। ETMutualFunds ने इस पर 10 साल का एनालिसिस किया। उसने एक बड़े कैप म्युचुअल फंड के SIP रिटर्न को जांचने के लिए 10 साल का डेटा देखा, मार्च 2015 से मार्च 2025 तक। इसमें हर तारीख को शामिल किया गया।
एनालिसिस का नतीजा क्या निकला?
अगर सीधे में कहें, तो कोई खास फर्क नहीं मिला। SIP रिटर्न लगभग एक जैसे ही रहे- 13.07% से 13.26% के बीच। यानी अगर आप हर महीने ₹1,000 निवेश करते तो 10 साल में आपकी वैल्यू ₹2.35 लाख से ₹2.38 लाख के बीच होती।
इससे साफ जाहिर है कि आप SIP किस तारीख को करते हैं, इससे लॉन्ग टर्म में कोई खास फर्क नहीं पड़ता। असली फर्क कुछ खास बातों से पड़ता है। जैसे :
आप SIP की तारीख को अपनी सहूलियत के हिसाब से चुन सकते हैं। अगर आप नौकरीपेशा हैं और आपकी सैलरी महीने की शुरुआत में आती है, तो SIP के पैसे कटने की तारीख भी 1 से 5 के बीच रख सकते हैं। अगर बिजनेस करते हैं और आपके हाथ में पैसे महीने के बीच या आखिर में आते हैं, तो तारीख में उसी हिसाब से बदलाव भी कर सकते हैं।