इमरजेंसी लोन: जानिए इमरजेंसी के समय पैसे जुटाने के 8 तरीके
27 June, 2025 | 11:00 IST
इमरजेंसी कभी बताकर नहीं आती और अक्सर ऐसे मुश्किल समय में पैसों की जरूरत पड़ती है. मेडिकल इमरजेंसी, अचानक व्हीकल रिपेयर कराना हो या घर का रिनोवेशन, ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए तुरंत पैसों की जरूरत होती है. अच्छी बात ये हैं कि आज के समय में तुरंत पैसे का इंतजाम करने के कई तरीके हैं.
जब अचानक कोई खर्च आ जाए, तो ऐसे समय में पर्सनल लोन बहुत काम आता है. ये पैसे उधार लेने का एक तेज और आसान तरीका है. बड़ी संख्या में डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफॉर्म्स होने की वजह से आप मिनटों से लेकर कुछ घंटों के अंदर ही पर्सनल लोन हासिल कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर,
मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट के जरिए आप 8 लेंडर्स से 50 लाख रुपए तक के पर्सनल लोन ऑफर चेक कर सकते हैं. आप बिना किसी कागजी कार्रवाई और मामूली प्रोसेसिंग चार्ज के साथ इमरजेंसी लोन हासिल कर सकते हैं. यहां ब्याज दरें 10.5% सालाना से शुरू होती है. बस अपनी जानकारी भरें, अपना KYC पूरा करें और अपने बैंक अकाउंट में पैसा पाने के लिए EMI रीपेमेंट शेड्यूल सेट करें.
2) दोस्तों या परिवार से उधार लें
आमतौर पर इमरजेंसी के दौरान दोस्तों या परिवार के सदस्यों से उधार लेना पैसे पाने का सबसे तेज तरीका होता है. एक तो आमतौर पर यह ऑप्शन इंटरेस्ट फ्री होता है और दूसरा आपके करीबी लोग आपकी स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ होते हैं. रीपेमेंट टर्म के बारे में हमेशा पारदर्शी रहना चाहिए. बाद में किसी भी विवाद से बचने के लिए पहले ही साफतौर पर बता दें कि आप कितने समय बाद उधार चुका पाएंगे.
3) क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड इमरजेंसी एक्सपेंस को कवर करने में मददगार साबित हो सकते हैं, जैसे कि मेडिकल बिल या अर्जेंट कार रिपेयर. अपनी क्रेडिट लिमिट और क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो के बारे में सतर्क रहना जरूरी है. अपने क्रेडिट यूटिलाइजेशन को 30% - 50% से कम रखने की कोशिश करें.
4) एडवांस कैश
आप अपने क्रेडिट कार्ड पर एडवांस कैश लेने के बारे में भी सोच सकते हैं. यह आपको एक लिमिट तक कैश निकालने की इजाजत देता है, लेकिन याद रखें कि ज्यादातर क्रेडिट कार्ड एडवांस कैश के लिए फीस वसूलते हैं. इसके अलावा आमतौर पर विड्रॉल की तारीख से इंटरेस्ट लिया जाता है, इसलिए हाई इंटरेस्ट रेट से बचने के लिए एडवांस कैश को जल्द से जल्द चुका देना चाहिए.
समय से पहले किसी इमरजेंसी के लिए तैयार रहना, ऐसे मुश्किल वक्त से निपटने के सबसे बढ़िया तरीकों में से एक है. जब अचानक से कोई जरूरी खर्च सामने आता है, तो ऐसे समय में इमरजेंसी फंड सेफ्टी नेट के तौर पर काम करता है. इसलिए एक महीने का आपका जो खर्च है, उसके हिसाब से तीन से छह महीने के खर्च को इमरजेंसी फंड के तौर पर तैयार रखना चाहिए. अगर आप इस फंड में रेगुलर कॉन्ट्रीब्यूशन करते हैं, तो आप क्रेडिट कार्ड या लोन का इस्तेमाल किए बिना भी किसी इमरजेंसी परिस्थिति से निपट सकते हैं.
6) EPF एडवांस
सैलरी पर काम करने वाले कर्मचारी के लिए इमरजेंसी में एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) एडवांस एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. EPF आपको मेडिकल एक्सपेंस, शादी या घर की मरम्मत जैसे कुछ खास कामों के लिए अपनी सेविंग का एक हिस्सा निकालने की इजाजत देता है. इन फंड को कैसे एक्सेस कर सकते हैं, इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपनी कंपनी या एम्प्लाइज प्रोविडेंट फंड आर्गेनाईजेशन (EPFO) से संपर्क कर सकते हैं.
7) प्रॉपर्टी पर लोन
अगर आपके पास प्रॉपर्टी है, तो इमरजेंसी में प्रॉपर्टी के बदले लोन लेना एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. यह सिक्योर्ड लोन होता है, इसलिए इसकी ब्याज दरें अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में कम होती हैं.
8) ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी एक ऐसी क्रेडिट फैसिलिटी है, जो आपको अपने बैंक अकाउंट में जमा रकम से ज्यादा पैसे निकालने की इजाजत देती है, लेकिन इसकी एक फिक्स्ड लिमिट होती है. आजकल लगभग सभी बैंक और NBFCs ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ऑफर कर रहे हैं. आप किसी भी इमरजेंसी के लिए इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं और यहां ब्याज पूरी ओवरड्राफ्ट लिमिट की बजाय केवल निकाले गए अमाउंट पर लगेगा. यह ध्यान रखना जरूरी है कि बैंक ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के लिए वन टाइम फीस और इंसफिशिएंट फंड में बदलाव कर सकते हैं. ब्याज आम तौर पर हर दिन कैलकुलेट किया जाता है और महीने के आखिर में बिल भेजा जाता है.
अभी तक बताए गए तरीकों से आप इमरजेंसी में पैसों का इंतजाम कर सकते हैं, लेकिन सबसे अच्छा तरीका इमरजेंसी फंड तैयार रखना है. यह फंड आपको फाइनेंशियल सिक्योरिटी देता है, जिससे मुश्किल समय आने पर आपको लोन या क्रेडिट कार्ड पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं रहती है.
अगर आपने अभी तक इमरजेंसी फंड नहीं बनाया है, तो आप इस तरह से शुरुआत कर सकते हैं:
छोटे से शुरुआत करें: अगर ज्यादा सैलरी न हो तो छोटी सेविंग से शुरुआत करें, जिसे आप आसानी से मैनेज कर सकें. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश आपके इमरजेंसी फंड को बनाने का एक बेहतर तरीका हो सकता है.
अलग अकाउंट: अपने इमरजेंसी फंड को एक अलग सेविंग अकाउंट में रखें, ताकि इसे ट्रैक करना आसान हो और जो खर्चे जरूरी न हो उनके लिए आप ये पैसा इस्तेमाल करने से बच पाएं.
अपनी सेविंग्स को ऑटोमेट करें: हर महीने अपने मेन अकाउंट से अपने इमरजेंसी फंड और SIP में ऑटोमैटिक ट्रांसफर सेट करें, ताकि आपको इसे हर महीने मैन्युअली न करना पड़े.
इंश्योरेंस लेने के बारे में सोचें: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस होने से आप इमरजेंसी सिचुएशन में फाइनेंशियली सिक्योर रहेंगे.
इमरजेंसीफंड को फिर से भरें: अगर आपने इमरजेंसी फंड का इस्तेमाल किया है, तो फाइनेंशियल सेफ्टी नेट को बनाए रखने के लिए जल्द से जल्द फिर से इमरजेंसी फंड बनाना शुरू करें.
मुश्किल समय में पैसे की कमी किसी के लिए भी परेशानी का सबब बन सकती हैं. इसलिए, पैसे तक तुरंत पहुंच के लिए ऑप्शन होना जरूरी है. किसी भी स्थिति के लिए पहले से तैयार रहने के लिए इमरजेंसी फंड बनाना सबसे अच्छा तरीका है. आप छोटी बचत से भी शुरुआत कर सकते हैं. रेगुलर सेविंग के जरिए आप अच्छा खासा इमरजेंसी फंड बना सकते हैं, जो किसी भी मुश्किल वक्त में आपके लिए सेफ्टी नेट के तौर पर काम करेगा.
अगर आप क्विक इमरजेंसी लोन की तलाश में हैं, तो 50 लाख रुपए तक के फंड के लिए मनीकंट्रोल ऐप और वेबसाइट चेक करें. इसकी ब्याज दरें कम हैं, जो कि 10.5% सालाना से शुरू होती हैं और पूरा प्रोसेस ऑनलाइन है.
सारांश
अचानक से आए खर्चे आपके लिए मुश्किल हालात पैदा कर सकते हैं. ऐसे समय में इमरजेंसी फंड जुटाने के लिए क्विक और भरोसेमंद तरीके खोजें.
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