EPFO Rules 2025: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2025 में कई अहम सुधार लागू किए हैं। इनका मकसद PF से जुड़े कामकाज को तेज, पारदर्शी और डिजिटल बनाना है। ये बदलाव न केवल 7 करोड़ से अधिक EPFO मेंबर के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि नियोक्ताओं के लिए भी प्रोसेस को सरल बनाते हैं। आइए इनके बारे में डिटेल में जानते हैं:
1. सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम लागू
EPFO ने 1 जनवरी 2025 से Centralised Pension Payment System (CPPS) की शुरुआत की है। इस व्यवस्था के तहत अब पेंशनधारक देश के किसी भी बैंक से अपनी पेंशन ले सकते हैं। इससे PPO ट्रांसफर और फिजिकल वेरिफिकेशन की जरूरत खत्म हो गई है। साथ ही, अब पेंशन भुगतान आदेश (PPO) को UAN से जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
2. नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर
15 जनवरी 2025 से EPFO ने एक बड़ा बदलाव किया है। अब नौकरी बदलने पर पुराने या नए नियोक्ता की मंजूरी के बिना PF ट्रांसफर मुमकिन है। पहले यह प्रक्रिया नियोक्ता की मंजूरी पर निर्भर होती थी, जिससे काफी समय लग जाता था।
3. ज्वाइंट डिक्लेरेशन प्रोसेस अब डिजिटल
EPFO ने 16 जनवरी 2025 से ज्वाइंट डिक्लेरेशन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है। अगर सदस्य का UAN आधार से जुड़ा है, तो प्रोफाइल सुधार के लिए किसी फिजिकल डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिनका UAN आधार से नहीं जुड़ा है, उन्हें अभी भी यह प्रक्रिया ऑफलाइन करनी होगी।
4. प्रोफाइल अपडेट हुआ आसान
कर्मचारी अब नाम, जन्मतिथि, जेंडर, वैवाहिक स्थिति, माता-पिता के नाम, राष्ट्रीयता और जीवनसाथी का नाम जैसी डिटेल ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं। इसके लिए अब किसी अलग दस्तावेज की जरूरत नहीं होती, बशर्ते नियोक्ता डिजिटल रूप से पुष्टि कर दें। हालांकि, 1 अक्टूबर 2017 से पहले बने कुछ UAN के मामलों में मंजूरी जरूरी हो सकती है।