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UPI से बड़े-बड़े पेमेंट अब होंगे और आसान! NPCI ने बढ़ाई लिमिट, आज 15 सितंबर से लागू हो गए हैं नियम

UPI: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 15 सितंबर 2025 से कुछ कैटेगरी के ट्रांजेक्शन के लिए लिमिट बढ़ा दी है

अपडेटेड Sep 16, 2025 पर 7:45 PM
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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 15 सितंबर 2025 से कुछ कैटेगरी के ट्रांजेक्शन के लिए लिमिट बढ़ा दी है।

UPI: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करने वालों के लिए अच्छी खबर है। ई-मार्केटप्लेस, ट्रैवल बुकिंग, कलेक्शन, ज्वेलरी खरीदारी के समय 5 लाख रुपये की पेमेंट एक बार में यूपीआई के जरिये कर सकते हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 15 सितंबर 2025 से कुछ कैटेगरी के ट्रांजेक्शन के लिए लिमिट बढ़ा दी है। अब टैक्स पेमेंट से जुड़ी कैटेगरी में ट्रांजैक्शन की अधिकतम लिमिट 5 लाख रुपये कर दी गई है। पहले इतनी बड़ी अमाउंट एक बार में ट्रांसफर नहीं कर सकते थे।

कितनी कर पाएंगे पेमेंट?

NPCI के मुताबिक नई लिमिट सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM Payments), ट्रैवल, बिजनेस और अन्य मर्चेंट सर्विस पर लागू होगी। यानी, अब अगर आप सरकारी खरीददारी पोर्टल, किसी ट्रैवल वेबसाइट या मर्चेंट से कोई बड़ा ट्रांजेक्शन कर रहे हैं तो बिना किसी दिक्कत के सीधे 5 लाख रुपये तक का पेमेंट कर पाएंगे।


इंश्योरेंस और निवेश के लिए बढ़ी लिमिट

सिर्फ इतना ही नहीं NPCI ने इंश्योरेंस प्रीमियम और कैपिटल मार्केट जैसे निवेश से जुड़ी कैटेगरी में तो लिमिट और भी बढ़ा दी है। अब इन सर्विस पर 24 घंटे में 10 लाख रुपये तक का पेमेंट UPI के जरिए किया जा सकता है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को होगा जो बड़ी रकम निवेश करना चाहते हैं या भारी-भरकम इंश्योरेंस प्रीमियम भरते हैं।

किन-किन जगहों पर बदली गई लिमिट?

नई गाइडलाइंस के तहत गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस, ट्रैवल बुकिंग, कलेक्शन, ज्वेलरी खरीदारी और क्रेडिट कार्ड पेमेंट जैसी सर्विस में एक ट्रांजैक्शन की लिमिट 5 लाख रुपये तय की गई है। हालांकि, क्रेडिट कार्ड और ज्वेलरी खरीदारी के लिए 24 घंटे की कुल लिमिट क्रमशः 6 लाख रुपये रखी गई है। वहीं, डिजिटल अकाउंट ओपनिंग और शुरुआती फंडिंग के लिए लिमिट 2 लाख रुपये ही बनी रहेगी।

किन शर्तों पर मिलेगी ये सर्विस?

NPCI ने साफ किया है कि बढ़ी हुई लिमिट केवल उन्हीं पर लागू होगी जो Verified Merchant कैटेगरी में आते हैं। बैंकों की जिम्मेदारी होगी कि वे इन्हीं व्यापारियों को ये सर्विस दें, ताकि ट्रांजेक्शन सुरक्षित रहे। साथ ही, बैंकों को अपनी आंतरिक नीतियों के आधार पर भी लिमिट तय करने का अधिकार रहेगा, लेकिन वह NPCI की तय लिमिट से ज्यादा नहीं हो सकती।

ग्राहकों के लिए क्या मतलब?

मान लीजिए आपको 8 लाख रुपये का इंश्योरेंस प्रीमियम भरना है, पहले आपको कई बार में पेमेंट करना पड़ता था। लेकिन अब UPI से यह एक ही दिन में आराम से हो जाएगा। इसी तरह, अगर आप शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं, तो बड़ी रकम का ट्रांजैक्शन अब झटपट संभव है। UPI अब देश में सबसे पसंदीदा पेमेंट तरीका बन चुका है। हर दिन लाखों-करोड़ों लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।

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