EPFO Withdrawal Rules: जरूरत पड़ने पर ईपीएफ से निकाल सकते हैं पैसा, लेकिन पैसे के गलत इस्तेमाल पर होगी कड़ी कार्रवाई

ईपीएफ स्कीम, 1952 के तहत कुछ स्थितियों में ईपीएफ में जमा पैसे का कुछ हिस्सा निकालने की इजाजत है। इनमें हायर एजुकेशन, शादी-ब्याह, बीमारी का इलाज और घर खरीदना शामिल हैं। इसके अलावा किसी अन्य वजह के लिए पीएफ में जमा पैसा नहीं निकाला जा सकता है

अपडेटेड Sep 29, 2025 पर 8:14 PM
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ईपीएफ से पैसा निकालकर उसका दुरुपयोग होता है तो ईपीएफओ के पास सब्सक्राइबर के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।

ईपीएफओ ने हाल में सब्सक्राइबर्स को आगाह किया कि ईपीएफ के पैसे का इस्तेमाल अनाधिकृत कामों के लिए नहीं होना चाहिए। ईपीएफओ ने कहा कि अगर जो सब्सक्राइबर्स ईपीएफ में जमा पैसे का इस्तेमाल अनाधिकृत स्कीम में निवेश के लिए कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उन पर पेनाल्टी भी लगाई जा सकती है।

इन स्थितियों में पैसे निकालने की इजाजत

दरअसल, यह पूरा मामला रिटायरमेंट से पहले EPF में जमा कुछ पैसा निकालने से जुड़ा है। ईपीएफ स्कीम, 1952 के तहत कुछ स्थितियों में ईपीएफ में जमा पैसे का कुछ हिस्सा निकालने की इजाजत है। इनमें हायर एजुकेशन, शादी-ब्याह, बीमारी का इलाज और घर खरीदना शामिल हैं। इसके अलावा किसी अन्य वजह के लिए पीएफ में जमा पैसा नहीं निकाला जा सकता है। इसकी वजह यह है कि ईपीएफ में जमा पैसा व्यक्ति के रिटायरमेंट बाद की जरूरतों के लिए है।


पूरा पैसा रिटायरमेंट के बाद ही मिलता है

ईपीएफओ के नियमों के तहत ईपीएफ में जमा पूरा पैसा तभी मिलता है जब व्यक्ति रिटायर करता है। अगर एंप्लॉयी दो महीनों से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहता है तो भी वह ईपीएफ में जमा पैसा निकाल सकता है। एंप्लॉयी के नौकरी छोड़ने के बाद दो महीने का वेटिंग पीरियड होता है। सब्सक्राइबर्स को यह भी समझने की जरूरत है कि अगर नौकरी 5 साल पूरी होने से पहले ईपीएफ का पैसा निकाला जाता है तो इस पर टैक्स लगता है।

पैसे के दुरूपयोग पर होगी कार्रवाई

अगर ईपीएफ से पैसा निकालकर उसका दुरुपयोग होता है तो ईपीएफओ के पास सब्सक्राइबर के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। वह पूरा पैसा इंटरेस्ट के साथ रिकवर कर सकता है। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। ईपीएफ स्कीम, 1952 के मुताबिक, खास स्थितियों में ईपीएफ में जमा कुछ पैसा निकालने की इजाजत है। मान लीजिए एंप्लॉयी घर बनवालने के लिए ईपीएफ से पैसे निकालता है, लेकिन वह उसका इस्तेमाल किसी और काम में करता है। इसे पैसे का दुरूपयोग माना जाएगा। फिर एंप्लॉयीज को अगले तीन साल तक विड्रॉल की इजाजत नहीं होगी। अगर वह यह पैसा इंटरेस्ट के साथ चुका देता है तो फिर यह रोक हट सकती है।

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ईपीएफ में जमा पैसा रिटायरमेंट बाद की जरूरतों के लिए

एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रोविडेंट फंड का मकसद रिटायरमेंट बाद सब्सक्राइबर की फाइनेंशियल सिक्योरिटी होती है। इसी वजह से रिटायरमेंट से पहले के विड्रॉल के नियम काफी सख्त बनाए गए हैं। अगर कोई सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट से पहले यह पैसा निकालता है और इसे दूसरे कामों में खर्च कर देता है तो रिटायर होने के बाद उसे पैसे की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

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