गोल्ड लोन में पहले कभी लोगों की ऐसी दिलचस्पी नहीं दिखी थी। 25 जुलाई, 2025 को गोल्ड पर लिया गया लोन 2.94 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल में 122 फीसदी की ग्रोथ है। इसमें गोल्ड की कीमतों में उछाल, गोल्ड लोन के नियमों में नरमी और गोल्ड लोन को लेकर लोगों की बदलती सोच का हाथ है। अब तक गोल्ड लोन को आखिरी विकल्प माना जाता था। लेकिन, अब लोगों को गोल्ड लोन में ज्यादा फायदे दिख रहे हैं। गोल्ड में उछाल से अब ज्यादा लोन भी मिल रहा है।
देश और विदेश में गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर
इंडिया में गोल्ड लोन की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। विदेश में भी गोल्ड की कीमतों ने ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बनाया है। 29 सितंबर को एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर्स 1.32 फीसदी के उछाल के साथ 1,15,294 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। गोल्ड की कीमतों में उछाल की कई वजहें हैं। इनमें जियोपॉलिटिकल टेंशन, टैरिफ का सप्लाई चेन पर असर और दुनिया के कई केंद्रों की गोल्ड में खरीदारी शामिल हैं। गोल्ड ने पिछले कुछ सालों में जिस तरह का रिटर्न दिया है, उससे भी गोल्ड में निवेश में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।
गोल्ड लोन की ग्रोथ 30-40 फीसदी सीएजीआर
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब शहरों में भी लोग गोल्ड लोन लेने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। त्योहारों से पहले ट्रेडर्स गोल्ड लोन लेकर अपना स्टॉक बढ़ाते हैं। इस वजह से गोल्ड लोन की ग्रोथ पिछले कुछ सालों में 30-40 फीसदी सीएजीआर रही है। गोल्ड लोन में लोगों की बढ़ती दिलचस्पी की एक बड़ी वजह यह है कि इसके लिए व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री जरूरी नहीं होती है। गोल्ड लोन सेक्योर्ड लोन कैटेगरी में आता है। इससे बैंक या एनबीएफसी को गोल्ड लोन देने में ज्यादा रिस्क नहीं होता है।
गोल्ड सदियों से आर्थिक सुरक्षा देता आया है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहली नजर में देखने पर गोल्ड लोन लेने में ज्यादा रिस्क नहीं दिखता है। लेकिन, तेजी से बढ़ता गोल्ड लोन यह दिखाता है कि लोग अपने उस एसेट्स को गिरवी रख रहे हैं, जो आड़े वक्त में काम आता है। इंडिया में गोल्ड को ऐसे एसेट के रूप में देखा जाता रहा है, जो तब काम आता है, जब पैसे के दूसरे स्रोत बंद हो जाते हैं। दशकों से परिवार घर में रखे गोल्ड को एक सिक्योरिटी के रूप में देखते रहे हैं। गोल्ड लोन लेने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के दो मतलब निकलते हैं।
गोल्ड लोन का इंटरेस्ट दूसरे लोन के मुकाबले कम
पहला, लोगों को गोल्ड लोन लेना दूसरे लोन के मुकाबले फायदेमंद दिखता है। यह सही है क्योंकि पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड पर लोन के मुकाबले गोल्ड लोन का इंटरेस्ट रेट कम होता है। दूसरा, पैसा आने पर आप लोन को चुकाकर बैंक से वापस गोल्ड अपने घर ला सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि घर में गोल्ड रखने पर सिक्योरिटी का भी मसल होता है। बैंक के पास गोल्ड होने पर उसकी सिक्योरिटी की चिंता नहीं रह जाती है। गोल्ड लोन देते वक्त बैंक आपके गोल्ड लोन का रिकॉर्ड मेंटेन करते हैं।
गोल्ड लोन आपका अंतिम विकल्प होना चाहिए
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड लोन के फायदों के बावजूद आपको बार-बार गोल्ड लोन लेने से बचना चाहिए। खास स्थितियों जैसे बच्चे के एजुकेशन, हेल्थ इमर्जेंसी को छोड़ गोल्ड लोन लेने से बचना चाहिए। दूसरा, अगर आपने गोल्ड लोन लिया है तो इसके रीपेमेंट में किसी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए। गोल्ड लोन का रिपेमेंट नहीं होने पर बैंक या एनबीएफसी के पास उसे जब्त करने का विकल्प होता है। ऐसी स्थिति में उस एसेट को गंवा देने का खतरा पैदा हो जाता है, जो दशकों से परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता आया है।