क्या आप भी ज्यादा रिटर्न का दावा करने वाली स्कीम में निवेश कर रहे हैं? जानिए मुंबई के इस चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ क्या हुआ

RBI, सरकार और मीडिया के बार-बार जागरूक करने के बावजूद लोग अपनी मेहनत की गाढी कमाई फर्जी इनवेस्टमेंट स्कीमों में निवेश कर रहे हैं। इससे उनके पैसे डूबने का डर होता है। फर्जी स्कीम निवेशक को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर स्कीम में पैसे लगाने के लिए अट्रैक्ट करती हैं

अपडेटेड Mar 20, 2024 पर 1:42 PM
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किसी से निवेश से जुड़ी सलाह लेने से पहले यह चेक कर लें कि उसके पास इसके लिए पर्याप्त क्वालिफिकेशन है या नहीं। इनवेस्टमेंट एडवाइजर का SEBI के पास रजिस्टर्ड होना जरूरी है।

RBI, सरकार और मीडिया के बार-बार बताने के बाद भी लोग इनवेस्टमेंट की फ्रॉड स्कीमों के शिकार बन रहे हैं। नया मामला मुंबई के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का है। अंबर दलाल नाम का यह चार्डर्ड अकाउंटेंट निवेशकों का पैसा लौटाने में नाकाम रहने पर लापता हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है। इस चार्टर्ड अकाउंटेंड के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। उसने निवेशकों को हर महीने 1.5 से 1.8 फीसदी रिटर्न देने का वादा किया था। यह सालाना करीब 18 से 22 फीसदी रिटर्न के बराबर है।

मनीकंट्रोल और दूसरे मीडिया के बार-बार जागरूक करने के बावजूद लोग ज्यादा पैसे कमाने के लालच में फ्रॉड स्कीमों का शिकार बन रहे हैं। अगर आप भी ज्यादा रिटर्न का दावा करने वाली किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो एक बार आपको उसकी विश्वसनीयता चेक कर लेने की जरूरत है।

आप ऐसी स्कीम का शिकार नहीं बनें, इसके लिए मनीकंट्रोल आपको कुछ टिप्स बता रहा है:


क्या आपका फाइनेंशियल एडवाइजर क्वालिफायड है?

किसी से निवेश से जुड़ी सलाह लेने से पहले यह चेक कर लें कि उसके पास इसके लिए पर्याप्त क्वालिफिकेशन है या नहीं। इनवेस्टमेंट एडवाइजर का SEBI के पास रजिस्टर्ड होना जरूरी है। अगर आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स के जरिए निवेश कर रहे हैं तो आपको पहले यह चेक कर लेना है कि वह रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर है या नहीं। AMFI की वेबसाइट पर ऐसे म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स की लिस्ट है, जिनके म्यूचुअल फंड बिजनेस करने पर रोक लगा दी गई है।

एडवाइजर्स या प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर्स?

अगर कोई सेबी रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स आपको निवेश से जुड़ी सलाह दे रहा है तो वह इसके एवज में आपसे फीस ले सकता है। वह आपसे इनवेस्टमेंट का अमाउंट कलेक्ट नहीं करेगा। सिर्फ प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर्स निवेशक से इनवेस्टमेंट अमाउंट कलेक्ट कर सकते हैं। उनका सेबी में बतौर म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स, पीएमएस या AIF डिस्ट्रिब्यूटर्स के रूप में रजिस्टर्ड होना जरूरी है। इस फर्क को समझना जरूरी है। अगर आपको मामला संदिग्ध लगता है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।

क्या आप रेगुलेटेड इनवेस्टमेंट में निवेश कर रहे हैं?

आपको खुद से यह सवाल पूछने की जरूरत है कि आप जिस इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने जा रहा है वह रेगुलेटेड है या नहीं। म्यूचुअल फंड, ईटीएफ, सॉवरेन बॉन्ड, इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स, आरईआईटी, बैंक एफडी आदि रेगुलेटेड इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी अनरेगुलेटेड इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट है। अनरेगुलेटेड प्रोडक्ट्स में निवेश करने पर किसी तरह का फ्रॉड होने पर आप शिकायत नहीं कर सकते। इसकी वजह यह है कि ऐसे प्रोडक्ट्स किसी रेगुलेटर के तहत नहीं आते हैं।

क्या आपको बहुत ज्यादा रिटर्न ऑफर किया गया है?

अगर आपको कोई व्यक्ति निवेश पर बहुत ज्यादा रिटर्न ऑफर कर रहा है तो आपको चौकन्ना हो जाना चाहिए। इसकी वजह यह है कि मार्केट में जितने रेगुलेटेड प्रोडक्ट्स हैं, उनमें कुछ का रिटर्न निवेशक को पहले से पता होता है, जबकि कुछ के रिटर्न के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। उदाहरण के लिए बैंक एफडी एक फिक्स्ड रिटर्न प्रोडक्ट है। इसका मतलब है कि निवेश से पहले आपको पता होता है कि आपको रिटर्न के रूप में कितना इंटरेस्ट मिलेगा। शेयरों और म्यूचुअल फंड के बारे में रिटर्न कम या ज्यादा हो सकता है। लेकिन, उसका रिटर्न भी आम तौर पर एक रेंज में रहता है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति आपको हर महीने 2 या फीसदी रिटर्न का ऑफर कर रहा है तो समझ लें कि वह फर्जी स्कीम में पैसे लगाने को कह रहा है।

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First Published: Mar 20, 2024 1:39 PM

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