सोने ने ग्लोबल मार्केट्स में नया रिकॉर्ड हाई बनाया है। हाजिर भाव 4185 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है। अमेरिका-चीन के बीच तनाव बढ़ने और फेडरल रिजर्व की ओर से इस साल ब्याज दरों में और दो बार कटौती की संभावना इसके पीछे प्रमुख वजह हैं। दूसरे कीमती मेटल चांदी के हाजिर भाव में भी पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। मंगलवार को कीमत 53.54 डॉलर प्रति औंस से ऊपर निकलकर नए ऑल टाइम हाई को छू गई। हालांकि बाद में इसमें गिरावट आई।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने अक्टूबर महीने के आखिर में बेंचमार्क रेट्स में और 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का संकेत दिया है। इसके चलते मंगलवार को अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड पर यील्ड कई हफ्तों के निचले स्तर पर आ गई। प्रमुख ब्याज दर घटने से बॉन्ड कम आकर्षक हो जाते हैं, जिससे निवेशक सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं की ओर रुख करते हैं।
इसके अलावा केंद्रीय बैंकों की ओर से अच्छी खरीद, अमेरिकी सरकार का शटडाउन, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में बढ़ते निवेश ने भी गोल्ड बाइंग को बढ़ाया है।
ट्रंप ने किया है नया ऐलान
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ खाद्य तेल का व्यापार बंद करने की घोषणा की है। इस ऐलान ने भी बाजारों को प्रभावित किया, जिससे सोने की मांग बढ़ गई। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड को लेकर नए तनाव पैदा हो गए हैं। इससे पहले चीन ने 1 नवंबर से रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की। इसके बाद अमेरिका ने 1 नवंबर से चीन पर 100% एडिशनल टैरिफ की घोषणा कर दी। अमेरिका के कदम पर चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
चांदी में तेजी की क्या है वजह
चांदी के मामले में लंदन में लिक्विडिटी की कमी से बाजार प्रभावित हुआ है। इसके चलते पूरी दुनिया में चांदी की सप्लाई में कमी दर्ज की जा रही है। चांदी की बेंचमार्क कीमतें न्यूयॉर्क में वायदा कीमतों से ऊपर निकल गईं। इसके अलावा अमेरिकी प्रशासन की ओर से चांदी, प्लेटिनम और पैलेडियम समेत महत्वपूर्ण खनिजों को लेकर तथाकथित सेक्शन 232 जांच के खत्म होने से पहले ट्रेडर्स चिंतित हैं। इस जांच ने यह डर फिर से जगा दिया है कि अप्रैल में आधिकारिक तौर पर टैरिफ से छूट मिलने के बाद भी, इन धातुओं पर नए टैरिफ लग सकते हैं।