Gold Rate of Last 25 Years: धनतेरस और दिवाली के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि फेस्टिवल के समय सोने में निवेश से सुख और सौभाग्य आता है। अगर आपने बीते सालों में अपनी मां, दादी या नानी की बातों को मानकर निवेश किया होता, तो अच्छा रिटर्न कमा चुके होते। साल 2000 में सोने का भाव 4,300 रुपये प्रति 10 ग्राम था। आज देश में 10 ग्राम 24 कैरेट गोल्ड 1,25,000 रुपय के स्तर को पार कर चुका है। सोना इस साल 50 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। यहां आपको बता रहें हैं कि पिछले 25 सालों में सोने के भाव का क्या ट्रेंड रहा और अब सोने के दाम लगातार क्यों बढ़ रहे हैं।
क्यों बढ़ रही है सोने की चमक
पिछले 25 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो सोना डबल डिजिट रिटर्न दे चुका है। साल 2025 में अब तक सोना करीब 50% तक महंगा हो चुका है। इसकी बड़ी वजहें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदें, कमजोर अमेरिकी डॉलर और भू-राजनीतिक तनाव हैं। जब दुनिया की अर्थव्यवस्था अस्थिर होती है, तो निवेशक सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की संभावना ने सोने में निवेश को और आकर्षक बना दिया है।
केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीद से भी बढ़े रेट
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपने फॉरेन करेंसी रिजर्व के लिए लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। यही वजह है कि कीमतें ऊंचे स्तर पर टिकी हुई हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, फिएट करेंसी जैसे रुपया या डॉलर पर घटते भरोसे और गोल्ड ईटीएफ की ओर से बढ़ती खरीदारी भी इस तेजी को सपोर्ट कर रही है। रेलिगेयर ब्रोकिंग और एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के एक्सपर्ट का मानना है कि ब्याज दरों में गिरावट और कमजोर डॉलर का दौर जारी रहा तो सोने की चमक लंबे समय तक बरकरार रहेगी।
दिवाली और धनतेरस पर क्या होगा सोने का रेट?
त्योहारी सीजन में सोना नए रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है। एक्सपर्ट का मानना है कि इस धनतेरस पर सोना 1,20,000 से 1,30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकता है। कुछ के अनुसार अगर बाजार में कोई बड़ा भू-राजनीतिक झटका नहीं लगा तो यह 1.5 लाख रुपये का स्तर पार नहीं करेगा। हालांकि, साल 2026 तक सोना 1,50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। भारत में शादी-ब्याह का सीजन, कमजोर रुपया और ऊंची इंपोर्ट ड्यूटी भी सोने की घरेलू कीमतों को ऊपर बनाए रखेंगे।