Gold Price: ₹2 लाख तक जाएगा 10 ग्राम सोने का भाव! एक्सपर्ट ने दिया 77% तेजी आने का अनुमान
Gold Price: जेफरीज के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस वुड (Chris Wood) ने अनुमान लगाया है कि सोने की कीमत में 77% तेजी आ सकती है। घरेलू बाजार में 10 ग्राम सोना 2 लाख रुपये तक पहुंच सकता है। जानिए किस वजह से गोल्ड पर बुलिश हैं वुड।
Gold Price: रुपये की गिरावट ने सोने का आयात महंगा कर दिया है और त्योहार-शादी सीजन में मांग बढ़ी है।
Gold Price: 2 लाख रुपये सोने की कीमत 2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम सुनने में बहुत ज्यादा लग सकती है। लेकिन, जेफरीज के ग्लोबल हेड ऑफ इक्विटी स्ट्रैटेजी क्रिस वुड (Chris Wood) का मानना है कि यह मौजूदा साइकल के लिए बिल्कुल वाजिब है। वे गोल्ड प्राइस की उस ऐतिहासिक बुल रन से तुलना कर रहे हैं, जो करीब चार दशक पहले देखने को मिली थी।
क्या है गोल्ड की मौजूदा प्राइस
सोमवार, 23 सितंबर को सोने का भाव नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। घरेलू बाजार में 24 कैरेट सोना (Gold Price Today) 1,12,730 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड का रेट 1,03,350 रुपये प्रति 10 ग्राम है। सोने के गहने में 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल होता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 3,722 डॉलर प्रति औंस है।
गोल्ड प्राइस में 77% उछाल का अनुमान
वुड ने अपनी लेटेस्ट GREED & fear रिपोर्ट (18 सितंबर) में लिखा कि जनवरी 1980 में, जब पिछला साइकल पीक पर था, तो सोने की कीमत अमेरिका की प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम की 9.9% थी। उस समय प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम 8,551 डॉलर थी।
आज सोने की कीमत 3,670 डॉलर प्रति औंस है, जो केवल 5.6% है। वहीं, आज की प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम 66,100 डॉलर है। इस हिसाब से सोने की कीमत 6,571 डॉलर तक जानी चाहिए ताकि यह 1980 के स्तर के बराबर हो सके। यानी 6,600 डॉलर का टारगेट सही माना जा सकता है। अगर इस हिसाब से देखें, तो गोल्ड की कीमतों में 77.2% का उछाल आने का अनुमान है।
77% उछाल पर भारत में कितना होगा भाव?
अगर क्रिस वुड के अनुमान के मुताबिक गोल्ड में 77.2% का उछाल आता है, तो घरेलू बाजार में सोना 1,99,741 रुपये यानी करीब 2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। इस साल सोने की कीमत अब तक 39% बढ़ चुकी है, जबकि 2024 में 27% की तेजी आई थी। मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 6 साल में सोने का भाव तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुका है।
पोर्टफोलियो में सोने की अहमियत
वुड लंबे समय से सोने पर बुलिश हैं और पोर्टफोलियो में इसे कोर एलोकेशन मानते हैं। 2002 से GREED & fear मॉडल अमेरिकी डॉलर आधारित पेंशन फंड में कम से कम 40% हिस्सेदारी सोने में रखता आया है। 2020 के आखिर में बिटकॉइन को जोड़ने के बाद यह हिस्सा 50% से घटाकर 40% किया गया।
गोल्ड प्राइस टारगेट का इतिहास
वुड ने पिछले दो दशकों में अपने गोल्ड टारगेट्स का भी जिक्र किया। दिसंबर 2002 में शुरुआती अनुमान 3,400 डॉलर प्रति औंस था, जो 1980 के 850 डॉलर को अमेरिकी पर्सनल इनकम की ग्रोथ के हिसाब से एडजस्ट करके निकाला गया था। इसके बाद अपडेट्स के अनुसार टारगेट 2005 में 3,700 डॉलर, 2016 में 4,200 डॉलर और 2020 में 5,500 डॉलर तक गया।
अमेरिकी फेड के फैसले का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट रेट कट की पुष्टि के बाद सोने की कीमत में थोड़ी नरमी आई। इसे 'सेल ऑन द न्यूज' रिएक्शन कहा गया। वुड के अनुसार, 50 बेसिस प्वाइंट कट की उम्मीद का कोई आधार ही नहीं था। अब फोकस इस पर होगा कि अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स मौद्रिक ढील की वापसी को कैसे पचाते हैं।
सोने की कीमतों में तेजी के कारण
रुपये की गिरावट ने सोने का आयात महंगा कर दिया है और त्योहार-शादी सीजन में मांग बढ़ी है, जिससे कीमतें ऊंची बनी हुई हैं।
एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स के सीईओ मोहित कंबोज के मुताबिक, निवेशक सोने को सुरक्षित हेज मान रहे हैं और इस पर बड़ा दांव लगा रहे हैं।
डॉलर यूरो के मुकाबले दो महीने से निचले स्तर पर है और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4% के करीब है, जिससे सोने को सपोर्ट मिल रहा है।
फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। आगे भी कटौती का अनुमान है। इससे गोल्ड को सहारा मिला है।
मध्य पूर्व में गाजा में संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी घटनाओं के कारण निवेशक सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।