Gold Price: हाल ही में सोने की कीमतें 78,450 रुपये प्रति 10 ग्राम ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई। नवरात्रि और दिवाली के दौरान सोने के दामों में तेजी रहती है। ऐसे में गोल्ड बायर्स, शादी के लिए ज्वैलरी खरीद रहे लोग या गोल्ड में इन्वेस्ट करने वाले सभी सोने के भाव का गिरने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि, उन्हें गोल्ड खरीदने के लिए कम कीमत की विंडो मिल सके। यहां आपको बता रहे है कि अभी अगर इमरजेंसी में गोल्ड नहीं लेना है, तो आप थोड़ा इंतजार कर सकते हैं। जल्द सोने में 5,000 रुपये तक का करेक्शन आ सकता है। यानी, गोल्ड 70,000 रुपये के स्तर पर आ सकता है।
गोल्ड में आएगा 5,000 रुपये का करेक्शन
मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के अनुसार इन ऊंचाईयों पर सोने की कीमतों में कुछ समय के लिए स्थिरता देखी जा सकती है। जल्द गोल्ड में 5-7% तक की गिरावट की उम्मीद है। यानी, अगर हिसाब लगाया जाए तो अभी के रेट के हिसाब से गोल्ड में 5000 रुपये से अधिक की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सला 2000 के बाद से सोने में 32% सालाना प्रॉफिट नहीं देखा गया है। इस कारण सोने में गिरावट की उम्मीद की जा रही है।
आखिर अभी क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम
रिपोर्ट में आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, घरेलू ईटीएफ आयात, एसपीडीआर होल्डिंग्स, और सीएफटीसी पोजीशंस जैसे कई कारणों का जिक्र किया गया है, जिसके कारण गोल्ड रेट में तेजी जारी है। 2024 के पहले नौ महीनों में सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति और भू-राजनीतिक परिस्थितियां रही हैं। केंद्रीय बैंकों की भविष्य की मांग और घरेलू त्योहारी और शादी के मौसम से बाजार की भावना और बढ़ने की संभावना है।
2 साल में 86,000 रुपये पहुंचेगा गोल्ड
मोतीलाल ओसवाल ने अगले दो सालों में सोने की कीमतों के 86,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान जताया है। मौजूदा त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत मांग इस तेजी को और बढ़ावा दे रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सोने की मांग में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। अनुकूल मानसून और बेहतर फसल बुवाई के कारण ग्रामीण आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। भारतीय गोल्ड ईटीएफ में भी निवेशकों की रुचि बढ़ी है। खासकर, हालिया इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती और केंद्रीय बजट में ईटीएफ पर दी गई कर छूट के बाद।