अगर आपने गोल्ड में निवेश किया है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। गोल्ड इस साल के अंत तक दोबारा 1 लाख के पार जाएगा। इस साल गोल्ड ने अच्छा रिटर्न दिया है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों में इसकी चमक फीकी पड़ी है। आईसीआईसीआई ग्लोबल मार्केट्स ने कहा है कि इस कैलेंडर ईयर की दूसरी छमाही में गोल्ड में तेजी देखने को मिलेगी। इससे इस साल के अंत तक कीमत 1,00,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चली जाएगी।
2025 की दूसरी छमाही में गोल्ड में लौटेगी तेजी
ICICI Bank Global Markets ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "गोल्ड की कीमतें शॉर्ट टर्म के अपने 96,500 रुपये के लेवल से चढ़ना शुरू करेंगी। फिर ये पहले 98,500 और फिर 1,00,000 रुपये के पार जाएंगी।" अभी Gold में 96,500-98,500 रुपये की रेंज में ट्रेडिंग हो रही है। इसकी वजह जियोपॉलिटिकल टेंशन में आई कमी है। ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर हुआ है। उधर, चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर डील हुई है। इस साल अप्रैल के आखिर में सोने की कीमतों ने ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बनाए थे।
अप्रैल में गोल्ड ने बनाया था ऊंचाई का रिकॉर्ड
अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का भाव 3500 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया था। पहली बार गोल्ड इस लेवल पर पहुंचा था। इधर, इंडिया में गोल्ड का भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार हो गया था। अगर गोल्ड इस लेवल पर बना रहता तो 2025 में इसका रिटर्न और शानदार रहता। हालांकि, अब भी इस साल गोल्ड का रिटर्न 28 फीसदी के करीब है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड का आउटलुक स्ट्रॉन्ग है। अभी गोल्ड में कंसॉलिडेशन दिख रहा है।
फाइनेंशियल एडवाइजर्स का कहना है कि गोल्ड की कीमतों में नरमी को देख आपको गोल्ड में अपने निवेश का पैसा निकालना नहीं चाहिए। अगर आप गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आपको इसे बंद नहीं करना चाहिए। कई लोग कीमतों में गिरावट आते ही अपना निवेश नहीं निकालना शुरू कर देते हैं। इससे लंबी अवधि में उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि निवेशकों के पोर्टपोलियो में बुलियन का होना जरूरी है।
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इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में बुलियन की हिस्सेदारी 10-15 फीसदी तक होनी चाहिए। बुलियन का मतलब सोने और चांदी से है। पोर्टफोलियो में बुलियन होने से डायवर्सिफिकेशन में मदद मिलती है। इससे इक्विटी में बड़ी गिरावट आने पर बुलियन पोर्टफोलियो को सहारा देता है।