Gold Price Trends: सोना रोजाना नए पीक बना रहा है। कल 22 अप्रैल को पहली बार सोना 1,00,00 रुपये को पार कर गया। हालांकि, फिर सोने में करेक्शन आया और गोल्ड का रेट आज 23 अप्रैल को 98,500 रुपये पर आ गया। अब सोने को लेकर जेपी मॉर्गन ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 2026 की दूसरी तिमाही तक सोने की कीमतें $4,000 प्रति औंस के पार जा सकती हैं। यानी, भारत में सोना अगले साल तक 1,23,000 रुपये प्रति 10 ग्राम होगा।
बैंक का मानना है कि अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर, बढ़ते टैरिफ और मंदी की संभावनाओं के चलते निवेशक तेजी से सोने की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में बड़ा उछाल देखा जा रहा है।
साल 2025 के अंत तक कहां होगा सोना
रिपोर्ट के मुताबिक 2025 की चौथी तिमाही तक सोने की औसत कीमत $3,675 प्रति औंस तक पहुंच सकती है। यानी, गोल्ड का रेट दिवाली पर 1,13,000 रुपये के ऊपर होगा। अगर डिमांड उम्मीद से ज्यादा रही तो यह कीमतें समय से पहले ही पार हो सकती हैं। बैंक ने बताया कि इस साल केंद्रीय बैंकों और निवेशकों की तरफ से सोने की औसत तिमाही मांग 710 टन रहने की उम्मीद है, जो इस तेजी की मुख्य कारण है।
साल 2025 में 29 फीसदी दिया रिटर्न
22 अप्रैल को सोना पहली बार $3,500 प्रति औंस के स्तर को पार कर गया। इस साल अब तक सोने में करीब 29% की तेजी देखी गई है और यह 28 बार रिकॉर्ड हाई पर पहुंच चुका है। इसी महीने, गोल्डमैन सैक्स ने भी अपना सोने का प्राइस टारगेट बढ़ाकर $3,700 कर दिया है, और कहा कि अगर हालात बेहद खराब हुए तो यह कीमत $4,500 प्रति औंस तक भी जा सकती है। यानी, तब भारत में 10 ग्राम सोने का रेट 1,38,000 रुपये के ऊपर होगा।
अचानक कम हो सकती है सोने की कीमत?
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर केंद्रीय बैंकों की खरीदारी अचानक कम हो गई तो यह सोने के लिए सबसे बड़ा नकारात्मक जोखिम हो सकता है। इसके अलावा, अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था टैरिफ के बावजूद मजबूत बनी रहती है और फेड महंगाई को लेकर सख्त हो गया, तो सोने की कीमतों पर दबाव आ सकता है।
जेपी मॉर्गन ने चांदी को लेकर भी अनुमान जताया है कि अभी तो इंडस्ट्रियल डिमांड की अनिश्चितता के चलते इसमें हल्की कमजोरी रह सकती है, लेकिन 2025 के दूसरे हिस्से में चांदी की कीमतें तेजी पकड़ सकती हैं और साल के अंत तक $39 प्रति औंस तक जा सकती हैं।